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May 27, 2025 at 01:14 PM
📜 भारत की कुल 11 शास्त्रीय भाषाएँ और उनके मान्यता वर्ष
1.तमिल – 2004
2.संस्कृत – 2005
3.कन्नड़ – 2008
4.तेलुगु – 2008
5.मलयालम – 2013
6. ओड़िया – 2014
7.मराठी – 2024
8.बंगाली – 2024
9.असमिया – 2024
10.पाली – 2024
11प्राकृत – 2024
📌 शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवश्यक मानदंड:
➡️1.प्राचीनता: भाषा के प्रारंभिक ग्रंथों का इतिहास कम से कम 1500–2000 वर्ष पुराना होना चाहिए।
➡️2.समृद्ध साहित्य: प्राचीन साहित्य का एक भाग होना चाहिए जिसे पीढ़ियों द्वारा मूल्यवान विरासत माना गया हो।
➡️3.मौलिकता: साहित्यिक परंपरा में मौलिकता हो और यह किसी अन्य भाषा समुदाय से उधार न ली गई हो।
Note- 2024 में यह मानदंड बदला गया और अब "ज्ञान ग्रंथ" की परिभाषा में यह शामिल किया गया है:"ज्ञान ग्रंथ (विशेष रूप से कविता, पुरालेखीय और शिलालेखीय साक्ष्य के साथ गद्य ग्रंथ)"
यानी अब इसमें केवल मौलिक साहित्य ही नहीं, बल्कि कविता, गद्य ग्रंथ, पुरालेख और शिलालेखीय साक्ष्य भी शामिल माने जाते हैं।
➡️4.अलग पहचान: शास्त्रीय भाषा और साहित्य का आधुनिक भाषा और साहित्य से भिन्न होना आवश्यक है।
➡️2024 में शास्त्रीय दर्जा प्राप्त नई 5 भाषाएँ: मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया, बंगाली