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May 19, 2025 at 01:11 PM
*🟢 क्रिया - क्रिया वह विकारी शब्द है, जिससे किसी पदार्थ या प्राणी के विषय में कुछ विधान किया जाता है जैसे-*
(1) मोहन खाना खाता है।
(2) पुस्तक मेज पर पड़ी है।
*उपर्युक्त वाक्यों में 'खाता है' और 'पड़ी है' क्रियाएँ हैं।*
क्रिया के साधारण रूपों के अन्त में 'ना' लगा रहता है। जैसे- आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना आदि ।
*क्रिया के साधारण रूपों के अन्त का 'ना' निकाल देने से जो शेष बचे, वह क्रिया की 'धातु' है। 'आना, 'जाना', 'पाना', 'खोना', 'खेलना', 'कूदना' क्रियाओं में 'आ', 'जा', 'पा', 'खो', 'खेल', 'कूद' धातुएँ हैं।*
*धातुओं के दो अर्थ होते हैं (1) व्यापार (2) फल। उदाहरण के लिए 'श्याम खेलता है' वाक्य में खेलने का व्यापार श्याम करता है और उसी पर खेलने का फल पड़ता है। एक दूसरा उदाहरण लें, 'सुहासिनी पुस्तक पढ़ती है।' इस वाक्य में पढ़ने का व्यापार सुहासिनी करती है और पढ़ने का फल 'पुस्तक' पर पड़ता है।*
*उपर्युक्त बातों के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं-*
(१) 'पढ़' धातु है।
(२) पढ़ना क्रिया का साधारण रूप है।
(३) पढ़ता है, पढ़ती है, पढ़ेगा , पढ़ता होगा आदि 'पढ़ना' क्रिया के साधारण रूप के विभिन्न परिवर्तित रूप हैं।
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