
𝐃𝐄𝐄𝐍_𝐊𝐢-𝐁𝐀𝐀𝐓𝐄𝐈𝐍
June 12, 2025 at 11:15 AM
*दौर-ए-हाज़िर की हक़ीक़त*
किसी के लफ़्ज़ों में शहद है, तो अंदर साज़िशों की आग है,
कोई सीना चीर के हंसता है, कोई पीछे से वार का राग है।
ये दौर है नक़ाबों का, हर शख़्स के सौ मुँह हैं,
हक़ की बात करने वाला ही आज सबसे बड़ा बदनाम है...!!!
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