
DREAM CIVIL SERVICES IAS
May 27, 2025 at 03:10 PM
CBD COP-16 (2025): आदिवासी और स्थानीय समुदायों (IPLCs) के लिए स्थायी निकाय की स्थापना
✅ जैव विविधता संरक्षण में अधिकारों की रक्षा के लिए एक स्थायी सहायक निकाय बनाया गया।
✅ जब वैश्विक स्तर पर बहिष्करण की प्रवृत्ति बढ़ रही है, भारत का वन अधिकार अधिनियम (FRA) 2006 अधिकार-आधारित संरक्षण मॉडल के रूप में उभर रहा है।
FRA 2006 – अधिकार-आधारित संरक्षण का उदाहरण
📍 अनुसूचित जनजातियाँ और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006
✅ 13 प्रकार के वन अधिकारों को कानूनी मान्यता देता है।
✅ ग्राम सभाओं को सशक्त बनाकर जैव विविधता के सामुदायिक संरक्षण को बढ़ावा देता है।
✅ यह जनजातीय समुदायों के ऐतिहासिक अन्याय को स्वीकार करता है और अधिकारों के साथ-साथ पारिस्थितिकी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
वैश्विक प्रवृत्ति – किला आधारित संरक्षण (Fortress Conservation)
📍 कई देश (जैसे अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के वन्यजीव अधिनियम) “प्रोटेक्टेड एरिया” मॉडल अपनाते हैं।
✅ इससे अब तक 1–2 करोड़ आदिवासी और स्थानीय लोग विस्थापित हुए हैं (उदाहरण: युगांडा के बटवा, केन्या के मसाई)।
✅ यह मॉडल पारंपरिक उपयोगकर्ताओं को अपराधी मानता है और वन प्रबंधन को केंद्रीकृत करता है।
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