Beas_Mera_Raab_Vasda ❤️
June 7, 2025 at 11:48 AM
Beas की पावन धरती पर आज कुछ ऐसा घटा, जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। कल शाम अचानक ही Babaji ने यह कह दिया — "मैं कल दर्शन दूँगा..." ना कोई घोषणा, ना RSSB की वेबसाइट पर कोई जानकारी, ना ही किसी माध्यम से पहले से बताया गया। Bs whatsapp pe kuch messages aaye.. फिर भी — आज उन्होंने दर्शन दिए। और कल... वो सत्संग भी करेंगे। जिन्होंने Beas को जाना है, वे जानते हैं — यह साधारण नहीं है। यह कृपा है। यह उनकी रहमत है। कुछ जगहों से यह सुनने में आ रहा है कि Babaji की तबीयत ठीक नहीं है। पर फिर भी, वे आए... किसके लिए? हम सबके लिए। उन रूहों की पुकार, उन प्रेम से भरी आँखों के आँसू, उनकी तड़प — शायद Babaji को रोक नहीं पाई। और आज, जब उन्होंने Sangat के सामने दर्शन दिए — तो चेहरा थका हुआ था, पर नूर से भरा हुआ था। आँखों में वो वही पुराना स्नेह था, वो मौन प्यार जो सिर्फ़ एक सच्चा सतगुरु ही दे सकता है। वो दृष्टि जब Sangat पर पड़ी, तो जैसे समय थम गया हो। चारों ओर नीरव शांति थी — सिर्फ़ मन की बातें थीं, और उन बातों में बस वही थे — Babaji। Sangat की आँखें नम थीं, कुछ हाथ जुड़े थे, कुछ होंठ थरथरा रहे थे, पर हर दिल एक ही भावना से भरा था — "धन्य हैं हम, जो इस जन्म में इनके दर्शन पा रहे हैं..." और जब वह उठे — तो एक ही सवाल भीतर गूंज रहा था: क्या हम उनका कहा निभा पा रहे हैं? वो कुछ ज़्यादा नहीं मांगते — सिर्फ़ भजन, सिर्फ़ सिमरन। क्या यही नहीं है वो प्रेम की भाषा, जो एक सच्चा गुरु अपने प्रेमियों से चाहता है?
❤️ 🙏 😢 🥹 🥺 👍 🤲 😂 🙇‍♀ 1.0K

Comments