
The Good Think
June 17, 2025 at 03:21 PM
*"जरूरी नहीं है कि एकलव्य का अंगूठा ही काटा जाय,*
*शिक्षा को महंगा करके भी तो एकलव्य को शिक्षा से वंचित किया जा सकता है।"**"बेरोजगारी से तंग आकर जो इंसान बाबा बन जाते हैं,*
*फिर लोग उन्हीं के पास रोजगार के लिए ताबीज़ लेने पहुंच जाते हैं।"*