Bsp4Haryana
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May 22, 2025 at 02:38 AM
स्त्री सम्मान या बहुजन योजनाओं की नकल?— हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक नेता ने चार बड़े ऐलान किए हैं — 1. महिलाओं के खातों में सीधे रुपये 2. मोबाइल और लैपटॉप वितरण 3. हुनर आधारित पाठशाला 4. पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक मॉडल से विकास सुनने में यह सब कुछ नया और क्रांतिकारी लगता है। लेकिन अगर ज़रा गहराई में जाएं तो पता चलता है कि इन सब योजनाओं की जड़ें बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान बहन कुमारी मायावती जी द्वारा शुरू की गई योजनाओं में ही हैं। महामाया गरीब आर्थिक सहायता योजना — दलित-पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के खातों में सीधी आर्थिक मदद। सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा सहायता योजना — SC/ST छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, वज़ीफ़ा, ड्रेस, किताबें, और यहां तक कि साइकल और लैपटॉप तक। बहुजन हुनर विकास मिशन — युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोज़गार से जोड़ना। बहन मायावती जी के कार्यकाल में ये योजनाएं न केवल शुरू हुईं बल्कि ज़मीन पर भी उतरीं। लेकिन क्या हुआ? जैसे ही तथाकथित पिछड़ा हितैषी दल सत्ता में आया, उन्होंने इन योजनाओं को चुपचाप बंद कर दिया। क्यों? क्योंकि इन योजनाओं का उद्देश्य इनको रास नहीं आया और दलित-पिछड़े वर्ग को ताक़तवर बनाना किसी 'संपोलनाथ' को बर्दाश्त नहीं। अब वही नेता, नए नामों और चमकदार नारों के साथ उन्हीं योजनाओं की नक़ल करके खुद को 'कल्याणकारी' घोषित करने में लगे हैं। सवाल यह है: > जब बहुजन बच्चों को लैपटॉप दिए जा रहे थे, तब आपने वह योजना क्यों बंद की? > जब बहन मायावती जी ने गरीब महिलाओं के खातों में पैसे डलवाए, तब वह "वोटबैंक की राजनीति" थी और आज वही काम आप "सम्मान योजना" के नाम पर कर रहे हैं? > क्या इनका मॉडल, BSP के SC/ST/OBC विशेष कौशल केंद्रों से अलग है? या सिर्फ पैकेजिंग बदल दी गई है? बहुजन समाज को अब चेहरों के नहीं, नीति और नीयत के आधार पर वोट देना होगा। क्योंकि नाम बदलकर योजनाएं चुराई जा सकती हैं, लेकिन 'बहुजन का आत्मसम्मान' नहीं। सत्ताइस में सत्ताधीश ❌🙅🏿 अबकी बार — पांचवीं बार — बीएसपी की सरकार। ✅

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