☝️Haqq Ka Daayi (An Islamic Channel)
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June 11, 2025 at 02:57 PM
🎍﷽ 🎍     *✦ उमर ए सानी - अब्दुल्लाह बिन अज़ीज़ ✦* *❀_ क़िस्त -56 _❀* ┗─────────────❀ *✺ हज़रत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ रहमतुल्लाह ✺* *★_ आपके यहां 14 बच्चे पैदा हुए थे, उनमें से 11 बाक़ी रह गए थे और वो सबके सब इस वक्त आपके पास मौजूद थे, आपने उन सबको नज़दीक बुलाया, उनको देखा, फिर फरमाने लगे- नोजवानों पर मेरी जान कुर्बान हो, मै इन्हें बिला माल के छोड़ें जा रहा हूँ, मेरे बच्चों! तुम्हारा बाप दो हाल से खाली नहीं या तो तुम मालदार बन जाओ और तुम्हारा बाप जहन्नम में जाए या मोहताज बन जाओ और तुम्हारा बाप जन्नत में जाए, तुम्हारा फ़कीर होना और तुम्हारे बाप का जन्नत में जाना बहुत अच्छी बात है, जाओ तुम्हें अल्लाह तआला रोज़ी पहुंचाएगा_,"* *★_रजा बिन हैवाह आपके पास आये और बोले - अमीरुल मोमिनीन ! यजीद बिन अब्दुल मलिक को वसीयत लिख दीजिए और उन्हें अल्लाह का खौफ याद दिलाइए _,* *"_ आपने यजी़द बिन अब्दुल मलिक के लिए ये वसीयत लिखी- यजीद! जो लोग तुम्हें पसंद ना करें, उनका भी ख्याल रखना_,* *★_ जिस वक्त हजरत उमर रहमतुल्लाह ये वसीयत लिखवा रहे थे, तमाम वादी से रोने और सिसकियां लेने की आवाज़ें आ रही थी, फिर आप पर बेहोसी तारी हो गई, हालत और बिगड़ गई और आपके पास सिर्फ आपकी जोजा़ फातिमा, उनके भाई मुस्लिमा और आपके खादिम मुर्शिद ही रह गए, होश में आए तो फिर आप रात भर बेदार रहे, फातिमा, मुस्लिमा और मुर्शिद भी साथ जागते रहे, फिर सुबह हो गई तो फातिमा ने मुर्शिद से कहा- मुर्शिद तुम अमीरुल मोमिनीन के पास रहना_,* *★_य कह कर वो अपने भाई मुस्लिमा के साथ चली गई, ये लोग रात भर के जागे हुए थे, नींद ने आ लिया, दिन चढ़े इनकी आंख खुली, अमीरुल मोमिनीन के कमरे की तरफ आए तो मुर्शिद को दरवाज़े पर सोया हुआ पाया, उन्होंने उसे जगाया, फातिमा ने उससे कहा- मुर्शिद तुम बाहर क्यों आ गए? मुर्शिद बोला- अमीरुल मोमिनीन ने ही बाहर भेज दिया था, आपने फरमाया था कि मुर्शिद मेरे पास से हट जा, अल्लाह की क़सम मुझे एक मखलूक नज़र आ रही है, उसकी तादाद बढ़ती जा रही है, वो इंसान है न जिन्न,* *★_ ये सुन कर मैं बाहर निकल आया, निकलते वक्त मैंने सुना, आप फरमा रहे थे, ये आख़िरत का घर है, हम उसे उन्हें देंगे जो दुनिया में बुलंदी और फ़साद नहीं चाहते और अच्छा अंजाम पारसाओं का है_,* *"_ ये सुन कर हज़रत फातिमा अंदर की तरफ दौड़ पड़ी, आपने देखा, हजरत उमर रहमतुल्लाह की आंखें बंद थीं और आप दुनिया से रुखसत हो चुके हैं, इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैहि राजिऊन _,* *📗 उमर ए सानी - क़दम बा क़दम (मुसन्निफ़ - अब्दुल्लाह फारानी)* https://whatsapp.com/channel/0029VaoQUpv7T8bXDLdKlj30 *👆🏻 Follow वाट्स एप चैनल फाॅलो कीजिए _,* ╨─────────────────────❥ 💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕 *❥✍ Haqq Ka Daayi ❥* http://haqqkadaayi.blogspot.com *👆🏻हमारी अगली पिछली सभी पोस्ट के लिए साइट पर जाएं ,* https://chat.whatsapp.com/E5mIxTIuH6ZCelS7wTwmAD *👆🏻वाट्स एप पर सिर्फ हिंदी ग्रुप के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए _,* https://t.me/haqqKaDaayi *👆🏻 टेलीग्राम पर हमसे जुड़िए_,* ▉

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