☝️Haqq Ka Daayi (An Islamic Channel)
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June 13, 2025 at 03:19 PM
❁ ❁ вɪѕмɪʟʟααнɪʀʀαнмαռɪʀʀαнєєм •–▤–●–▤▤–●–▤▤–●–▤▤–●–▤–• ︽︽︽︽︽︽︽︽︽︽ *▣_ शहादत ए हुसैन _▣* ︾︾︾︾︾︾︾︾︾︾ *◈-क़िस्त - 02-◈* *▣ मोहर्रमुल हराम- फज़ाइल व मसाइल ▣* ◆══◆══◆══◆══◆══◆ *※ 9-10 मोहर्रम का रोज़ा ※* *▣_ सही बुखारी में हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम मदीना तैय्यबा में तशरीफ लाए तो यहूद को देखा कि वह रोज़ा रखा करते हैं। आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया :- तुम रोज़ा क्यों रखते हो?* *"_कहने लगे यह बहुत अच्छा दिन है, इस दिन में हक़ ताअला ने बनी इसराईल को उनके दुश्मन फिरौन से निजात दी थी इसलिए हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने इस दिन का रोज़ा रखा ।* *▣_यह सुनकर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि हम बनिसबत तुम्हारे हजरत मूसा अलैहिस्सलाम की मुवाफक़त के ज्यादा हक़दार हैं।* *"_फिर आप आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने खुद भी रोज़ा रखा और सहाबा किराम रजियल्लाहु अन्हुम को भी इस दिन रोज़े का हुक्म दिया ।* *®_ सही बुखारी_,* *▣_ सही मुस्लिम में हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि :- रमजान के बाद अफज़ल रोज़ा मोहर्रम का है और फर्ज़ नमाज़ के बाद अफज़ल नमाज़ तहज्जुद की नमाज़ है ।*. *®_ सही मुस्लिम,* *▣_ हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की हयात ए तैयबा में जब भी आशूरा का दिन आता आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम रोज़ा रखते लेकिन वफात से पहले जो आशूरा का दिन आया आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने आशूरा का रोज़ा रखा और साथ ही यह भी फरमाया 10 मोहर्रम को हम भी रोज़ा रखते हैं और यहूद भी रोज़ा रखते हैं जिसकी वजह से उनके साथ हल्की मुशाबहत पैदा हो जाती है, इसलिए अगर मैं आइंदा अगले साल जिंदा रहा तो सिर्फ आशूरा का रोज़ा नहीं रखूंगा बल्कि उसके साथ एक रोज़ा और मिलाऊंगा, 9 मोहर्रम का रोजा भी रखूंगा ताकि यहूदियों के साथ मुशाबहत खत्म हो जाए ।* *▣_लेकिन अगले साल आशूरा का दिन आने से पहले हुजूर अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का विसाल हो गया और आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम को इस पर अमल का मौक़ा नहीं मिला । लेकिन चूंकि आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने यह बात इरशाद फरमा दी थी इसलिए सहाबा किराम रजियल्लाहु अन्हुम ने आशूरा के रोज़े में इस बात का अहतमाम किया और 9 या 11 मोहर्रम का एक रोज़ा और मिला कर रखा और इसको मुस्तहब क़रार दिया और तन्हा आशूरा का रोज़ा रखने को हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के इरशाद की रोशनी में मकरूहे तंज़ीह और खिलाफ औला क़रार दिया ।* https://whatsapp.com/channel/0029VaoQUpv7T8bXDLdKlj30 *👆🏻 Follow वाट्स एप चैनल फाॅलो कीजिए _,* *▣_ रसूले अकरम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के इस इरशाद में हमें एक सबक और मिला कि – गैर मुस्लिमों के साथ अदना मुसाबहत भी हुजूर सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने पसंद नहीं फरमाई हालांकि वो मुशाबहत किसी बुरे और नाजायज़ काम में नहीं थी बल्कि एक इबादत में मुशाबहत थी कि इस दिन जो इबादत वो कर रहे हैं उसी दिन हम भी वहीं इबादत कर रहे हैं, लेकिन आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने इसको भी पसंद नहीं फरमाया। क्यों ? इसलिए कि अल्लाह ताला ने मुसलमानों को जो दीन अता फरमाया है वह सारे दीनों से मुमताज़ है ।* *▣_जब इबादत ,बंदगी और नेकी के काम में भी नबी करीम सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने मुशाबहत पसंद नहीं फरमाई तो और कामों में मुसलमान अगर उनकी मुशाबहत अख्त्यार करें तो कितनी बुरी बात होगी ।* *"_अगर ये मुशाबहत जानबूझकर इस मक़सद से अख्तियार की जाए कि उन जैसा नज़र आऊं तो यह गुनाह ए कबीरा है।* *🗂️_ शहादते हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु (मजमुआ इफादात)_27,* ◈ ◰ ◱ ◴ ◵ ◶ ◷ ◸ ◹ ◺ ◸ ◹ ◺ ◶ ◷ ◸ ◹ ◺ ◸ 💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕 *❥✍ Haqq Ka Daayi ❥* http://haqqkadaayi.blogspot.com *👆🏻हमारी अगली पिछली सभी पोस्ट के लिए साइट पर जाएं ,* https://chat.whatsapp.com/E5mIxTIuH6ZCelS7wTwmAD *👆🏻वाट्स एप पर सिर्फ हिंदी ग्रुप के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए _,* https://t.me/haqqKaDaayi *👆🏻 टेलीग्राम पर हमसे जुड़िए_,* ▉

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