☝️Haqq Ka Daayi (An Islamic Channel)
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June 14, 2025 at 05:28 PM
*❈❦ 284 ❦❈* ☜█❈ *हक़ - का - दाई* ❈ █☞ ☞❦ *नूर - ए - हिदायत* ❦☜ ❦━━━━━━❀━━━━━❦ *☞__सारी उम्र इल्म की तलाश में रहे* *↬• सहाबा किराम रज़िअल्लाहु अन्हुम के ज़माने में किताबें नही थी, उस ज़माने में छापने के औजार नही थे,* *★ • उलमा ने लिखा है लेकिन उनकी याद इतनी पक्की थी की लंबी लंबी हदीसें उनको याद हो गई, उनकी याददाश्त की एक और वजह तहम्मुल था कि जो बात (हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के तरफ से आई) उस पर अमल कर लिया, अब भूलने का सवाल ही नही, इल्म महफूज़ होने की ये वजह थी ,* *★ • फिर (इल्म को) पहुँचाने की फ़िक्र, मरते मरते भी हदीस बताते थे की ये हदीस रह गई थी, सारी उम्र इल्म की तलाश में रहे, छोटों से भी इल्म लेते थे, बड़ों से भी इल्म लेते थे ,* *★ • तकल्लुफ और बनावट इनमे (सहाबा किराम में) नही होता था, अपना मैय्यार बताने की बात नही होती थी, गलती हो तो मान लेते, वो अंदर थे वो बाहर भी थे ,_* *💤 एडमिन की डायरी - हक़ का दाई _,* https://whatsapp.com/channel/0029VaoQUpv7T8bXDLdKlj30 *👆🏻 वाट्स एप चैनल फॉलो कीजिए _,* ┵━━━━━━❀━━━━━━━━━━━━┵ 💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕 ✍ *❥ Haqq Ka Daayi ❥* http://haqqkadaayi.blogspot.com *👆🏻हमारी अगली पिछली सभी पोस्ट के लिए साइट पर जाएं ,* https://chat.whatsapp.com/E5mIxTIuH6ZCelS7wTwmAD *👆🏻वाट्स एप पर सिर्फ हिंदी ग्रुप के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए _,* https://t.me/haqqKaDaayi *👆🏻 टेलीग्राम पर हमसे जुड़िए_,* ▉

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