
☝️Haqq Ka Daayi (An Islamic Channel)
June 15, 2025 at 12:38 PM
🎍﷽ 🎍
*❥ निकाह ❥*
*⚄ पार्ट -70 ⚄*
*⇰लड़की वालों की तरफ से दावत मसनून नहीं,*
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*✪ _नबी करीम ﷺ के ज़माने में रुखसती का कोई खास तरीक़ा नहीं था और न ही बारात और लोगों के इज्तेमा का कोई एहतमाम था, जेसा कि हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा को उनकी वाल्दा मोहतरमा ने रुखसत किया और हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु अन्हा को रसूलुल्लाह ﷺ ने हज़रत उम्मे ऐमन रज़ियल्लाहु अन्हा के साथ हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु के घर रवाना फरमाया,*
*✪_अलबत्ता अगर पर्दे का एहतमाम हो, मर्दों के साथ इख्तिलात वगेरा मुफासिद ना हों तो रुखसती के वक्त क़रीबी रिश्तेदार ख्वातीन के घर में जमा होने की गुंजाइश है और उनके लिए बा-क़द्रे जरूरत खाने का इंतेजाम करना भी दुरुस्त है, लेकिन खाने को सिर्फ मेहमान नवाजी़ की हैसियत दी जाए, इसको वलीमे की तरह दावत ए मसनूना न समझा जाए, क्योंकि रुखसती के वक़्त लड़की वालों की तरफ से खाने का इंतेज़ाम शरीयत में साबित नहीं,*
*✪_हजरत मुफ्ती मेहमूद हसन साहब रह. फरमाते हैं 'सही ये है कि वलीमा लड़का और उसके औलिया करेंगे, लेकिन जो लोग लडक़ी वालों के मकान में मेहमान आते हैं उनका मक़सद शादी में शामिल होना है और उनको बुलाया भी गया है तो आखिर वो खाना कहां जा कर खाएंगे और अपने मेहमानों को खाना खिलाना शरीयत का हुक्म है, और रसूलुल्लाह ﷺ ने ताकीद फरमाई, अलबत्ता लड़के वालों की तरफ से वलीमा की दावत है, लड़की वालों की तरफ से साबित नहीं,*
*®_फतावा महमूदिया, 17/392,*
*⇲ अगला पार्ट- 71 🔜 इंशा अल्लाह ता'ला,*
*↳® इज़्दवाजी ज़िंदगी के शरई मसाइल*
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