☝️Haqq Ka Daayi (An Islamic Channel)
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June 17, 2025 at 04:39 PM
Shahadat E Husain: ❁ ❁ вɪѕмɪʟʟααнɪʀʀαнмαռɪʀʀαнєєм •–▤–●–▤▤–●–▤▤–●–▤▤–●–▤–• ︽︽︽︽︽︽︽︽︽︽ *▣_ शहादत ए हुसैन _▣* ︾︾︾︾︾︾︾︾︾︾ *◈-क़िस्त - 10-◈* *▣ फज़ाइल ए अहले बैत नबवी ﷺ ▣* ◆══◆══◆══◆══◆══◆ *※_ 1-अहले बैत की अव्वलीन मिस्दाक़ अज़वाजे मुताहरात है ※* *▣_ यह एक हक़ीक़त है जिसमें किसी शक व शुबहा की गुंजाइश नहीं कि अहले बैत का लफ्ज़ सिर्फ कुरान ए करीम में अजवाज़े मुताहरात के लिए ही इस्तेमाल हुआ है । सूरह अल अहज़ाब- आयत 33 में अजवाज़े मुताहरात को कुछ खास हिदायत देने के बाद फरमाया गया जिसका तर्जुमा यह है कि :-* *“_ ऐ हमारे पैगंबर की बीवियों तुमको जो यह खास हिदायतें दी गई हैं इनसे अल्लाह ताला का मक़सद तुमको जहमत व मशक्कत में मुब्तिला करना नहीं है बल्कि अल्लाह ताला का इरादा इन हिदायात से यह है कि तुमको हर किस्म की जा़हिरी बातिनी बुराई और गंदगी से पाक साफ कर दिया जाए _,”* *▣_ जो शख्स अरबी जुबान की कुछ भी वाक़फियत रखता है उसको सूरह अल अहज़ाब का यह पूरा रुकू पढ़ने के बाद इसमें कोई शक व शुबहा नहीं होगा कि यहां अहले बैत का लफ्ज़ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की अजवाज़े मुताहरात के लिए इस्तेमाल हुआ है ।* *▣_ लेकिन यह कैसी अजीब बात है कि क़ुरान पर ईमान रखने वाले हम मुसलमानों का हाल आज यह है कि अहले बैत का लफ्ज़ सुनकर हमारा ज़हन अजवाज़े मुताहरात की तरफ बिल्कुल नहीं जाता बल्कि आप सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की साहबजा़दी हज़रत फातिमा जो़हरा रजियल्लाहु अन्हा और उनके शौहर हज़रत अली मुर्तुजा रजियल्लाहु अन्हु और दोनों की ज़ुर्रियत हजरत हसनैन रजि़यल्लाहु अन्हुम ही की तरफ जाता है।* *※ 2-अहले बैत और हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की दुआ ※* *▣_ अलबत्ता हदीस पाक से यह बात साबित है कि जब सूरह अल अहज़ाब की यह आयत (आयत नंबर 33) नाजि़ल हुई तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने अपनी साहबजादी हजरत फातिमा रजियल्लाहु अन्हा, उनके दोनों साहबजादे (हजरत हसन और हजरत हुसैन रजियल्लाहु अन्हुम) और उनके साथ उनके शौहर हजरत अली रजियल्लाहु अन्हु को एक चादर में अपने साथ लेकर दुआ फरमाई, – “ ऐ अल्लाह ! यह भी मेरे अहले बैत हैं ,इनसे भी हर तरह की बुराई और गंदगी को दूर फरमा दे और इनको मुकम्मल तौर पर पाक साफ फरमा दे ।”* *▣_ बिला शुबहा हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की यह दुआ कुबूल हुई और यह हजरात भी अहले बैत में शामिल हो गए।* *▣”_अलगरज़ बात यह है कि अजवाज़े मुताहरात (आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की पाक बीवियां ) अहलेबैत में से नहीं है बल्कि इस लफ्ज़ की मिस्दाक़ सिर्फ आप सल्लल्लाहु अलेही सल्लम की एक बेटी एक दामाद और दो नवासे हैं , ना तो जुबान के लिहाज़ से दुरुस्त है और ना क़ुरान हदीस से साबित है। बल्कि एक खास फिरके के फनकारों की साजिश के नतीजे में इस गलती ने उम्मत में उर्फे आम की हैसियत अख्तियार कर ली और हमारे सादा दिल भोलेपन की वजह से इस तरह की बहुत सी दूसरी गलत बातों की तरह इसको भी क़ुबूले आम हासिल हो गया।* *▣_ जैसा कि अर्ज़ किया जा चुका है की हालत यह हो गई कि अहले बैत का लफ्ज़ सुनकर हमारे अच्छे पढ़े-लिखे का भी ज़हन अजवाज़े मुताहरात की तरफ नहीं जाता जो कुरान मजीद की रू से इस लफ्ज़ की अव्वलीन मिस्दाक़ है ।* *“_ वल्लाहू मुवफ्फिक़ू वा हुवल मुसत’आनी _,* *⚀•हवाला:➻┐शहादते हुसैन रजियल्लाहु अन्हु, ( मजमुआ इफादात)* ◈ https://whatsapp.com/channel/0029VaoQUpv7T8bXDLdKlj30 *👆🏻 Follow वाट्स एप चैनल फाॅलो कीजिए _,* ◰ ◱ ◴ ◵ ◶ ◷ ◸ ◹ ◺ ◸ ◹ ◺ ◶ ◷ ◸ ◹ ◺ ◸ 💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕 *❥✍ Haqq Ka Daayi ❥* http://haqqkadaayi.blogspot.com *👆🏻हमारी अगली पिछली सभी पोस्ट के लिए साइट पर जाएं ,* https://chat.whatsapp.com/E5mIxTIuH6ZCelS7wTwmAD *👆🏻वाट्स एप पर सिर्फ हिंदी ग्रुप के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए _,* https://www.facebook.com/share/1BYZV136N9/ *👆🏻 फेसबुक पेज लाइक & फोलो कीजिए_,* https://t.me/haqqKaDaayi *👆🏻 टेलीग्राम पर हमसे जुड़िए_,* ▉

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