
Bhakti Bharat
June 11, 2025 at 01:05 AM
*स्नान यात्रा | स्नान पूर्णिमा | गजानन बेश*
YouTube: https://youtube.com/shorts/z1a9RJsixSA
🪷 रथयात्रा से लगभग 18 दिन पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को जल स्नान कराया जाता है,
🪷 इसको स्नान पूर्णिमा अथवा स्नान यात्रा के नाम से जाना जाता है।
🪷 भगवान को जगन्नाथ मंदिर के उत्तरी कुएं से खींचे गए शुद्ध जल के 108 बर्तनों से स्नान कराया जाता है।
🪷 स्नान के बाद *गजानन या हाथी बेश* में भगवान जगन्नाथ और बलभद्र को अलंकृत करने की परंपरा है।
🪷 ठंडे जल से स्नान के उपरांत भगवान बीमार पड़ जाते हैं।
🪷 और 15 दिनों तक भक्तों को भी दर्शन नही देते हैं।
🪷 इस अवधि को *अनसर* के रूप में जाना जाता है।
🪷 15 दिनों के बाद भगवान वापस लौट कर आते हैं, और भक्तों को दर्शन देते हैं।
🪷 भगवान के इन दर्शन को *नव यौवन दर्शन* तथा *नेत्रोत्सव* कहा जाता है।
🪷 तथा नेत्रोत्सव के अगले ही दिन, भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है!
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