
Impact World News
June 18, 2025 at 06:08 AM
*दोहरे मापदंड का खेल: क्या यही इंसाफ है?*
ईरान ने 224 इज़रायलियों को मारा — इसे "आतंकवाद" कहा गया।
जबकि इज़रायल ने अब तक 55,000 से ज़्यादा ग़ाज़ावासियों और 585 से ज़्यादा ईरानियों को मौत के घाट उतार दिया — और इसे "आत्मरक्षा" बताया जा रहा है।
क्या ये पाखंड नहीं है?
ये पश्चिमी समर्थित रक्तपात है, जहाँ इज़रायल के नरसंहार को दुनिया नज़रअंदाज़ कर रही है और उसे वैध ठहराया जा रहा है।
इस सच्चाई को कभी मत भूलिए — यही ज़ायोनिज़्म का असली चेहरा है।
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