
Daily Vivekananda
June 14, 2025 at 04:21 AM
बातें करना छोड़ दो, चुप होकर बैठे रहो - सभी वस्तुएँ तुम्हारे सामने से उड़ जाएँ, वे सब स्वप्न मात्र हैं। पार्थक्य या भेद नामक कोई वस्तु नहीं है, वह सब तो अंधविश्वास मात्र है। अतएव मौन भाव का अवलम्बन करो और अपना स्वरूप पहचानो।
-- स्वामी विवेकानन्द
{वि.सा. ७ : देववाणी - २८ जुलाई, रविवार - दत्तात्रेयकृत अवधूत-गीता}
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