
Daily Vivekananda
June 16, 2025 at 03:05 AM
शान्तिपूर्ण रहो, स्वयं को व्याकुल मत करो। तुम कभी बद्ध नहीं हुए हो। पुण्य या पाप तुम्हें स्पर्श नहीं करता। इन सभी भ्रमों को दूर कर दो और शान्तिपूर्ण रहो। किसकी उपासना करोगे ? उपासना भी कौन करेगा ? सभी तो आत्मा हैं।
-- स्वामी विवेकानन्द
{वि.सा. ७ : देववाणी - २८ जुलाई, रविवार - दत्तात्रेयकृत अवधूत-गीता}
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