
Daily Vivekananda
June 17, 2025 at 12:39 AM
कोई बात कहना, या किसी तरह की चिन्ता करना कुसंस्कार है। बार-बार दोहराओ, 'मैं आत्मा हूँ, मैं आत्मा हूँ।' शेष सब कुछ छोड़ दो।
-- स्वामी विवेकानन्द
{वि.सा. ७ : देववाणी - २८ जुलाई, रविवार - दत्तात्रेयकृत अवधूत-गीता}
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