हिंदी शायरियां
June 17, 2025 at 02:13 PM
*हथेली तब भी छोटी थी, हथेली अब भी छोटी है। पहले खुशियां बटोरने में चीजें छूट जातीं थीं, अब चीजें बटोरने में खुशियां छूट जातीं हैं
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