हिंदी शायरियां
June 18, 2025 at 03:27 PM
भाई मैं आज आपको मेरी दसवीं क्लास की कहानी बताता हूँ मैं राजनीति और गणित का जोड़ तोड़ बचपन से ही बैठा लेता था लेकिन मुझे इंग्लिश में कुछ नहीं आता था इंग्लिश का पेपर था मेंने हिन्दी मे एप्लीकेशन लिखी वो इस प्रकार थी .. सेवामें, श्रीमान प्रिंसिपल महोदय जी गवर्नमेंट सीनियर स्कूल ऑल राजस्थान सविनय निवेदन है कि मेरी दादी बहुत बीमार है क्योंकि उनको पता कि मैं अंग्रेजी में पास नहीं हो सकता हूँ इसलिए आप मुझे कुछ नम्बर देने कि कृपा करें ताकि मेरी बीमार दादी ठीक हो जाए अगर मैं फेल हो गया तो घरवाले मुझे बहुत पिटेगें और मेरी दादी यह देखकर मर जाएगी अब आप ही मुझे और मेरी दादी को बचा सकते हैं, आप सबका प्रिय शिष्य.. हनुमान भगत गांव... पोस्ट.. तहसील.. जिला.. स्टेट.. मैंने पूरा पता अपने घर का लिख दिया फिर दसवीं क्लास का रिजल्ट आया मैंने अखबार खरीदा और सप्लीमेंट्री से रिजल्ट देखना शुरू किया लेकिन नहीं मिला फिर देखा तो मैं पास हो गया मुझे बहुत खुशी हुई कि यह सब दादी और बजरंगबली कि मेहरबानी से हुआ है.. उसके दस दिन बाद एक अंतर्देशीय पत्र मेरे नाम से आया वो पत्र मैंने खोलकर पढ़ना शुरू किया तो उसमें लिखा था.. हमारे प्रिय शिष्य हनुमान भगत आप ठीक होंगे और आशा करता हूँ कि अब तो आपकी दादी भी ठीक होंगी अब आपको बताता हूं कि नूटाईप में आपको तीन नंबर मिले थे मैंने आपकी और आपकी दादी कि स्थित देखते हुए अपनी नौकरी को दांव पर लगाकर तीस नम्बर आपको अपनी तरफ से दिए हैं और अब आपसे निवेदन की बेटे कंही ट्यूशन लेले ,नहीं तो अबकी बार अपनी दादी को नहीं बचा पायेगा.. आपका अपना गुरु अनजान सिंह😀😀😀
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