
कलियुग भगवद्गीता (मोक्ष, आपके लिए)
May 25, 2025 at 12:59 PM
मेरी महत्वाकांक्षा, मेरा संकल्प।
ये पूरी दुनिया स्वार्थी है, मेरा परिवार, मेरा गांव, मेरा राज्य, मेरा देश। और दुनिया के बारे में कौन सोचता है? दुनिया के देश भी इसी तरह स्वार्थी हैं, वो सोचते हैं कि मेरा देश महान होना चाहिए। और निस्वार्थता कब दुनिया बनेगी? दुनिया में, 196 देशों में से, किसी देश में, अभी भी कोई ऐसा देश है जो भोजन के लिए संघर्ष कर रहा है, कहीं आस-पास। दुनिया के देश क्या कर रहे हैं, एक-दूसरे के साथ युद्ध क्यों कर रहे? जो देश भूख से मर रहे देश की मदद करता है, उस देश के लोग समृद्ध होंगे। यही भगवान चाहते हैं, ऐसा होने पर ही भगवान खुश होंगे। यही मैं भी चाहता हूं, दुनिया समृद्ध हो। क्योंकि मैं यही चाहता था, मुझे तिरुमाला गर्भगृह में सात पहाड़ियों के भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का आशीर्वाद मिला। 750 करोड़ लोगों में से कितने लोग ऐसा चाहते हैं। और आप?. पूरी दुनिया को भगवद गीता का मूल्य जानना चाहिए, और मोक्ष का मार्ग चुनना चाहिए। यही मेरी ईश्वरीय इच्छा है।
ॐ नमो वेंकटेशाय नमः 🙏🙏🙏