Guru Nanak Blessings 🙌
June 18, 2025 at 12:39 PM
*✨🙇♂️ धन गुरु नानक जी 🙇♂️✨*
🙇♂️ *श्री जपजी साहिब जी* 🙇♂️
*🌹PAUDI - 22🌹*
✨ *!! सहस अठारह कहनि कतेबा असुलू इकु धातु !!* ✨
✨ *!! लेखा होइ त लिखीऐ लेखै होइ विणासु !!* ✨
*अर्थ :- (मुसलमान व इसाई धर्म की चारों) कतेबें कहती हैं, “कुल अठारह हजार आलम हैं, जिनका आरंभ एक अकाल-पुरख है, (पर सच्ची बात तो ये है कि शब्द) ‘हजारों’ और ‘लाखों’ भी कुदरत की गिनती में इस्तेमाल नहीं किए ना सकते (अकाल-पुरख की कुदरत का) लेखा तभी लिखा जा सकता है जो लेखा संभव हो (ये लेखा तो हो ही नहीं सकता, लेखा करते करते) लेखे का ही खात्मा हो जाता है (गिनती के हिंद से ही खत्म हो जाते हैं), भाव जिसका कोई अंत हो तो ऐसा लिखा जाए जिसका कोई अंत ही नहीं कैसे लिख सकते है !!*
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