Echoes Of Ink
Echoes Of Ink
June 16, 2025 at 06:24 AM
प्यारे पापा चुपचाप चलते हैं, मगर दिल में हरदम हमारा खयाल रखते हैं; हर ख़ुशी हमारी हो, यही हर वक़्त अरमान रखते हैं। ना कहें कुछ, पर सब कुछ समझ लेते हैं; हमारे हर सपने को अपना मान लेते हैं। बचपन से अब तक, हर मोड़ पर साथ निभाया; जब भी हम गिरे, आपने हाथ थाम कर उठाया। माँ और आपकी मेहनत की छाया में, हमने हर उड़ान पाई है; आपने ही हमें हमारे हौसलों की ऊँचाई दिखाई है। हर डाँट में भी प्यार है, हर चुप्पी में दुआएँ हैं; आपकी नज़रों में हमेशा हमारी परछाई है। हर बार जब थक जाते हैं हम, आप प्यार से पास आ जाते हो, हमारी थाली में हमारी पसंद का खाना रख जाते हो। अब जब मैं माँ बनी हूँ, तो समझती हूँ ये भावना, कैसे माँ बाप अपने बच्चों के लिए दिल से करते हैं हर कामना। आप "नानू" बनकर जैसे दिल से खिल उठते हो, अपने "छोटू" के संग हर दिन जैसे कोई नई कहानी लिखते हो। माँ और पापा, आपके साथ ही सब कुछ अच्छा लगता है, आपका होना ही हमारे अस्तित्व को पूरा करता है। ~ पारुल
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