
Dawah & iqra
June 16, 2025 at 06:34 PM
*#600-"जब कुछ लोग अल्लाह के घरों में से किसी घर में जमा होकर क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत और उस पर ग़ौर व तफ़क्कुर करते हैं, तो उन पर सकीना (इल्लाही सुकून) नाज़िल होता है, अल्लाह की रहमत उन्हें अपने आगोश में ले लेती है, फरिश्ते उन्हें घेरे रहते हैं, और खुदा-ए-बारी तआला उनका ज़िक्र अपने मुअज्ज़िज़ फरिश्तों की महफ़िल में फ़रमाता है।"*
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