Dawah & iqra
Dawah & iqra
June 19, 2025 at 12:34 AM
*#601*यह आयतें सूरह آل-इमरान (3:102-103) से हैं, जो तक़वा (اللہ کا خوف) और मोमिनों की इत्तिहाद (اتحاد) पर ज़ोर देती हैं। इस रिपोर्ट में इन आयतों का मुत्तहिद (متحد) मतलब और इनसे हासिल होने वाले सबक़ को बयान किया गया है।** आयत 102: अल्लाह का ख़ौफ़ रखो जैसा कि उसका हक़ है और हर हाल में इस्लाम पर क़ायम रहो, ताकि मौत भी इसी हाल में आए। आयत 103: अल्लाह की रस्सी (क़ुरआन व इस्लाम) को मज़बूती से थामे रहो और तफ़रक़ा (फूट) मत डालो। अल्लाह की उस नेमत को याद करो जिसने तुम्हें दुश्मनी से निकालकर भाई बना दिया और जहन्नम से बचाया। *सबक़:* 💫तक़वा अपनाना और इस्लाम पर मज़बूत रहना। 💫उम्मत में इत्तिहाद (एकता) बनाए रखना। 💫अल्लाह की दी हुई नेमतों का शुक्र अदा करना। 💫जहन्नम से बचने के लिए इस्लामी अहकामात पर अमल करना। *नतीजा*: अगर मुसलमान इन हिदायतों पर अमल करें, तो उनकी दुनिया और आख़िरत संवर सकती हैं।

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