सद्गुरुवाणी
सद्गुरुवाणी
June 16, 2025 at 02:03 PM
*संचालन क्षमता एवं अनुभव शीलता को देखते हुए गुरुदेव ने दायित्व भार दिया है* ✨✨✨ _*गुरुदेव के प्रकल्पों* को पूर्ण करने के लिए अपने को *कटिबद्ध* होना है_ - _आचार्य श्री समयसागर जी_ - _13/6/25, लाखा भवन जबलपुर_ *युवाओं के लिए विशेष उद्बोधन* https://youtu.be/_lWZWg8C0Eo?si=NCxeT9_HXFjSMS_V _(देखें 5.22 से 6.10 तक)_ 👏👏👏 बाँस भी धरती का अंश है धरती ने कह रखा है बाँस को कि *वंश की शोभा तभी है* *जल को मुक्ता बनाते रहोगे* *युगों-युगों तक...* *संघर्ष के दिनों में भी* *दीर्घश्वास लेते हुए भी* *हर्ष के क्षणों में भी।* *फिर क्या कहना !* धरती माँ की आज्ञा पा बड़े घने जंगलों में गगन-चूमते गिरिकुलों पर बाँस की संगति पा जलदों से झरा जल वंशमुक्ता में बदलने लगा... *इसी भाँति,* *धरती माँ की आज्ञा पालने में रत हैं* *नाग, सूकर, मच्छ, गज, मेघ आदि* *जिनके नाम से मुक्ता प्रचलित हैं-* *वंश-मुक्ता, सीप-मुक्ता* *नाग-मुक्ता, सूकर-मुक्ता* *मच्छ-मुक्ता, गज-मुक्ता* *और मेघ-मुक्ता !* - _मूकमाटी :: १९५_ - _आचार्य श्री विद्यासागर जी_
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