
सद्गुरुवाणी
June 18, 2025 at 10:08 AM
*शरणागत के शरण प्रदाता निरीह तरुसम उपकारी*
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_वर्तमान दिगंबर जैन *आचार्य श्री समयसागर जी महाराज* के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमोस्तु..._
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*शरणागत के शरण प्रदाता*
*निरीह तरुसम उपकारी।*
*नियमित उद्यम में रत रहता*
*रवि शशि सम है तमहारी॥*
*सिंह वृत्ति का धारक भी है*
*संग रहित है हवा समा।*
*योगों में तो अचल मेरु है*
*धरा बना है धार क्षमा॥*
- _सुनीति शतक_
- _आचार्य श्री विद्यासागर जी_