Shar'i Ahkam Sawal O Jawab Ayatullah Sistani D.Z.
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June 1, 2025 at 04:04 PM
मुस्तहब क़ुर्बानी के अहकाम मरजा ए आला ए दीनी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० के फतवे की रोशनी में 1. जो मुस्तहब क़ुर्बानी कर सकता है उसके लिए इस मुस्तहब की अदायगी की ताकीद है! 2. जिसके पास पैसे हों लेकिन क़ुर्बानी का जानवर ना मिले तो उसकी क़ीमत सदक़ा निकालना मुस्तहब है! 3. इंसान अपने और अपने घर वालों की तरफ से एक जानवर क़ुर्बानी कर सकता है! 4. दो या उससे ज्यादा लोग मिलकर क़ुर्बानी कर सकते हैं, खासतौर से जब जानवर कम और महंगा हो! 5. क़ुर्बानी का बेहतरीन वक्त सूरज निकलने और नमाज़े ईद की मेक़दार वक्त गुज़रने के बाद है! 6. जो लोग मिना में हैं उनके लिए चार दिन और जो वहां नहीं है उनके लिए तीन दिन तक मुस्तहब है, अगरचे एहतियात ए मुस्तहब है कि ईद क़ुर्बान के दिन क़ुर्बानी करें! 7. एहतियाते वाजिब की बिना पर 2 साल से काम का बकरा और 7 महीने से कम की भेड़ न हो! 8. मुस्तहब क़ुर्बानी में वह शर्तें और खुसूसियतें जरूरी नहीं है जो वाजिब क़ुर्बानी में हैं! काना, लंगड़ा, कान कटा या सींग टूटा, ख़सी (बधिया) या कमज़ोर जानवर की क़ुर्बानी करना जायज़ है, अगरचे एहतियात और अफज़ल है कि जानवर सेहतमंद, सालिम और मोटा हो, पालतू जानवर की क़ुर्बानी करना मकरूह है! 9. बीमार, कमज़ोर‌ और ऐबदार जानवर की क़ुर्बानी में हरज नहीं है! 10. क़ुर्बानी का एक हिस्सा खुद के लिए रखें, एक हिस्सा मुसलमान को दें और एहतियात ए मुस्तहब है कि तीसरा हिस्सा ग़रीब मुसलमान को सदक़ा दे! 11. क़ुर्बानी की खाल सदक़ा देना मुस्तहब है, क़साई को उजरत (वेतन) के तौर पर देना मकरूह है! 12. क़ुर्बानी करने वाले व्यक्ति का अक़ीक़ा साक़ित (ख़त्म) हो जाता है। 13. मरहूमीन की तरफ से रजा (सवाब की उम्मीद) की नियत से क़ुर्बानी कर सकते हैं! 14. एक जानवर की क़ुर्बानी दो या उससे ज़्यादा लोगों की तरफ से हो सकती है! https://whatsapp.com/channel/0029VanfNhWDDmFXrei5ck2I

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