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June 16, 2025 at 10:43 PM
**रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 17-06 -2025-आज सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) सरन गुरु आया बाल समान। रूप गुरु देखते देह भुलान।। (संस्कृत)(प्रेमबानी-1- शब्द-59- पृ.सं.336,337)(अधिकतम् उपस्थिति- करनाल ब्राँच हरियाणा- @- 3:15- दर्ज-33) (2) राधा/ध:-स्व-आ-मी चरन लगे मोहि प्यारे। राधा/ध:-स्व-आ-मी सरन मिला आधारे।। (प्रेमबानी-2- शब्द-13- पृ.सं.93,94)(स्वेतनगर मोहल्ला) (3) लाग री मेरी सुरत सहेली, गुरु के चरन में लाग री।।टेक।। (रत्नांजली- शब्द-48- पृ.सं.103-105)(पुरुष पाठ पार्टी दयालबाग) सतसंग के बाद:- (1)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मूल नाम। (2)-हे दयाल सद् कृपाल! (3)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 🙏🏻रा-धा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**

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