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June 17, 2025 at 10:43 PM
**रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 18-06 -2025-आज सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) गुरु मोहिं दीना भेद अपारी। शब्द धुन सुन हुआ आनँद भारी।। (संस्कृत)(प्रेमबानी-2- शब्द-5- पृ.सं.8)(अधिकतम् उपस्थिति- रमेशनगर ब्राँच दिल्ली- @-3:15- दर्ज-21) (2) राधा/ध:-स्व-आ-मी महिमा क्या कहूँ भारी। राधा/ध:-स्व-आ-मी करें जीव उपकारी।। (प्रेमबानी-2-शब्द-14-पृ.सं.95,96)(स्वेतनगर मोहल्ला ) (3) आज आई बहार बसंत। उमँग मन गुरु चरनन लिपटाय।।(रत्नांजली- शब्द-50- पृ.सं.108-110)(पुरुष पाठ पार्टी दयालबाग) सतसंग के बाद:- (1)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मूल नाम। (2)-हे दयाल सद् कृपाल! (3)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 🙏🏻रा-धा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**

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