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June 20, 2025 at 10:59 AM
**राधा/ध:-स्व-आ-मी! 20-06-25- आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे:- (15.11.32 मंगल का शेष भाग)- रात को 8½ बजे मिस्टर सिन्हा की पार्टी में शरीक हुए। क़रीबन पचास मेहमान शरीक थे। राजासाहब सूरजपुरा भी मौजूद थे। मिस्टर सिन्हा की दरियादिली की तारीफ़ सुनी थी। लेकिन आज देख भी ली। राधा/ध:-स्व-आ- मी दयाल ! हमारे पास क्या है जिससे ऐसे प्रेमी सज्जनों की खिदमत कर सकें? यह लोग तकलीफ़ उठा कर हमारे काम भी करते हैं, सतसंग की इज़्ज़त भी बढ़ाते हैं और सैकड़ों रुपया ख़र्च करके हमारी नुमाइश को कामयाब बनाते हैं और चलते वक़्त पार्टी देकर अपनी दिली मोहब्बत का सबूत पेश करके हमारे दिलों को फ़तह कर लेते हैं। मिस्टर सिन्हा ने एक बच्चा गोद लिया है। उस बच्चे को कुदरत ने अच्छा दिमाग़ दिया है। आज उसकी बनाई हुई चन्द चीजें मुलाहज़ा (अवलोकन) कीं। शुक्र है कि मिस्टर सिन्हा बच्चे की खुदादाद (ईशवर प्रदत) क़ाबिलीयतों की क़द्र करते वरना हम तो वाले दिन बच्चों को किताबों का कीड़ा देखकर ही सोते हैं अगर इस बच्चे को मुनासिब तरबीयत (प्रशिक्षण) मिल गई तो नामुमकिन नहीं कि वह बड़ा होकर यह कोई गैरमामूली (असाधारण) काम कर दिखाये। 🙏🏻राधा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻 रोजाना वाक़िआत- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**
**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के बचन- भाग-1- कल से आगे:- (143 ही का तीसरा भाग)- पाठ के बाद हुजूर ने फरमाया-यदि लोग उद्धार चाहें और स्वामीजी महाराज, हुजूर महाराज, महाराज साहब और सरकार साहब यह फरमावें कि इंडस्ट्री स्थापित करो, उसमें काम करो, उसी से आपका उद्धार हो जावेगा तो क्या उस समय आप उनका कहना मानेंगे या नहीं ? इसके बाद अगर साहबजी महाराज ने दयालबाग में हेडक्वार्टर स्थापित किया और यहाँ पर इंडस्ट्री कायम की जिससे कि सतसंगियों की आवश्यकताएँ पूरी हों, उनकी मुश्किलों में कमी हो, उन्हें आराम मिले और सेवा व सतसंग का अवसर मिले, तो आप बतलाइए कि उन्होंने यह सब कुछ अच्छा किया या नहीं? और यदि यह मान लिया जाय कि वह इस उद्देश्य से निज धाम से पधारे कि सबका उद्धार हो और इस संबंध में उन्होंने हमको चरणों में लगाया बातचीत करने, रहने और काम करने की युक्ति, ढंग व शऊर सिखाया और समय से पहले आवश्यक वस्तु या प्रकट होने वाली दशाओं की सूचना देते रहे और संगत को उसके लिए तैयार रक्खा, तो क्या जिन लोगों ने उनकी आज्ञाओं को माना और करनी की, उनकी यह करनी ग़लत सिद्ध होगी और उन्हें उसका कोई परमार्थी लाभ प्राप्त नहीं होगा ? यदि साहबजी महाराज व दूसरे पूज्य आचार्य सच्चे हैं तो अवश्य उनके आदेशों पर चलने से उद्धार होगा। मैं तो यहाँ तक कहने को तैयार हैं कि इंडस्ट्री उन्हीं की आज्ञा मेसे जारी की गई है। अतः इस समय इंडस्ट्री ही से उद्धार होगा। क्रमशः------ 🙏🏻राधा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**