
🕉️🇮🇳 वंदेमातरम्🚩🚩🇮🇳🇮🇳
June 20, 2025 at 02:56 AM
ट्रम्प ने सत्ता सम्भालते ही अनेक अच्छे निर्णय भारत के लिए किए, सीआईए एजेंट डोनाल्ड लू को भगाया, USAID के नाम पर बाइडन प्रशासन द्वारा देश द्रोही एनजीओ, पत्रकारों आदि को दी जा रही सहायता बंद कर दी। ट्रम्प के बारे में अपने लेख में मैंने पहले ही लिख दिया था कि यह भारत के साथ व्यापार व मुद्रा युद्ध में टकराव तो होगा और वह हुआ भी। पाकिस्तान 1947 से ही अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण साथी इस क्षेत्र में रहा है। क्योंकि उसे अपने सैनिक अड्डे बनाने के लिए कोई देश इस क्षेत्र में चाहिए था। पाकिस्तान से वह साम्यवादी चीन पर नजर रख सकता था और रूस के प्रभाव से उसे मुक्त कर सकता था। इसीलिए 1962 के युद्ध में जब रूस ने भारत का साथ देने से मना कर दिया और कह दिया “भारत हमारा मित्र है लेकिन चीन हमारा भाई है”। तब फूल वाला चिच्चा अमेरिका के सामने ही गिड़गिड़ाया था और अमेरिका ने तब भारत को फाइटर प्लेन भी दिए थे। लेकिन फूल वाले चिच्चा ने युद्ध में उनका भी प्रयोग नहीं किया। अन्यथा चीन हमारी हजारों वर्ग किमी भूमि पर कब्जा नहीं कर पाता।
ट्रम्प ने चुनाव अभियान में ही घोषणा कर दी थी कि वह इजरायल फिलिस्तीन युद्ध और युक्रेन रूस युद्ध रुकवा देगा लेकिन असफल रहा। भारत पाक युद्ध में वह बड़बोलापन कर बैठा जो उसकी पहले से ही समस्या रही है। उसे क्रेडिट चाहिए कि उसने अपने कार्यकाल में कुछ ऐसा महत्वपूर्ण काम किया है कि उसे अमेरिका के इतिहास में विशेष स्थान मिले। इसलिए उसने कह दिया कि उसने युद्ध रुकवाया और मध्यस्थता करी। लेकिन उसे पता नहीं था कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी और वह भी उस समय जब भारत का प्रधानमंत्री मोदी है, जो किसी को भी छोड़ता नहीं है। यह मोदी का बनाया हुआ नया भारत है जो आंख से आंख मिलाकर बात करता है। G7 में मोदी जी के आने से पहले ही ट्रम्प भाग खड़ा हुआ, बहाना बनाया कि ईरान इजरायल युद्ध के कारण जा रहा है। लेकिन अमेरिका आए हुए 3 दिन हो गए किया तो कुछ नहीं। ट्रम्प वहाँ कनाडा में मिलता तो बात तो करनी पड़ती, बात होती तब पहले तो मोदी पूछते, “बता बचुआ तूने कब हूँ फोन किया हमका कि युद्ध रोक दो? अने गांडा थई गयो छे जे एमना एम बकबक करे छे” (पागल हो गया है क्या जो ऐसे ही बकबक कर रहा है) पत्रकार भी प्रश्न करते, इस दुर्गति से बचने के लिए ट्रम्पवा पहले ही टैम्पो में बैठ भाग गया। अमेरिका जाकर फोन किया ताकि सार्वजनिक बेइज्जती न हो। 35 मिनट तक मोदी जी की डांट खाई, क्योंकि हमने तो अधिकारिक रूप से बता दिया कि क्या कहा ट्रम्प को। लेकिन अमेरिका ने आज तक नहीं बताया कि ट्रम्प ने क्या कहा? अर्थात चुपचाप डांट सुनता रहा मोदी जी की, अबे पंगा लेने से पहले सोच तो लेते किससे पंगा ले रहे हो जो विश्व की राजनीति में सबसे अधिक प्रखर सूर्यदेव समान है। अब ट्रम्प बोला तो वही बोला जो हम पहले से कह रहे थे कि युद्ध विराम के लिए भीख पाकिस्तान ने मांगी थी, ट्रम्पवा का कोई रोल इसमें नहीं था। अमेरिका की तो अपनी लगी पड़ी थी जब नूरखान और किराना हिल्स आदि बेसों पर रखे उसके न्युक्लियर बम और वायुयान ही धूम धड़ाम हो गए। कई दिनों तक कथित भूकम्प पाकिस्तान में आते रहे। मोदी जी ने अमेरिका की भयंकर बैज्जती तो उसके निमंत्रण को ठुकरा कर कर दी कि मेरे पास तेरे जैसे बुड़बक के लिए टाइम नहीं है, लेकिन क्रोएशिया चले गए 😂
अगले लेख तक के लिए जय श्रीराम! जय हिंद !
इंद्रेश उनियाल
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