
🕉️🇮🇳 वंदेमातरम्🚩🚩🇮🇳🇮🇳
June 20, 2025 at 02:58 AM
भारत ही नया नहीं यह विश्व भी नया है । देखिए , युद्ध के अंदाज भी नए हैं । पहले सेनाएं लड़ती थीं , धीरे धीरे आगे बढ़ती थी , राष्ट्रध्यक्ष और सेनापति अपने भवनों में बैठकर नीतियां बनाते , मॉनिटरिंग करते । आज का युद्ध देखिए । तोप , टैंक , पैदल सेना की जरूरत ही नहीं । सीधे सेनापति और तमाम कमांडरों को मार डाला । गाजा में भी यही हुआ अब ईरान में भी यही हो रहा है । यहां तक कि राष्ट्रध्यक्ष खोमेनई को मौत के डर से बंकर में छिपना पड़ा है । अमेरिका ने सद्दाम और लादेन को उनके बंकरों में घुसकर मारा । अब इसराइल ने कमांडरों को घुसकर मारा । खोमेनई के पीछे पड़ा है ।
इस समय दो ही खबरें हैं । ईरान इसराइल युद्ध और एक के बाद एक एयर इंडिया विमानों में खराबी । अहमदाबाद में हुई भीषण दुर्घटना के बाद मानों एयर इंडिया बोइंग विमान खराब होने की बाढ़ सी आ गई हो । उधर , ट्रंप को जी 7 में जाकर समझ आया कि उन्हें लौट जाना चाहिए । कनाडा में कह रहे थे कि सीजफायर या युद्ध विराम कराने के प्रयास कर रहे है , कतर और जॉर्डन को इस काम पर लगाया है । कनाडा छोड़कर जैसे ही व्हाइट हाउस पहुंचे बयान बदल गए । बोले अब बातचीत का कोई अर्थ नहीं रहा । अब तो ईरान को सबक सिखाया जाएगा । बातचीत का समय बीत चुका है । तेहरान को खाली कराया जा रहा है ।
पता चला ट्रंप साहब कि भारत 10 साल से पाकिस्तान के साथ बातचीत क्यों नहीं कर रहा ? कुछ लोग ऐसे होते हैं कि वे मुहब्बत की भाषा समझते ही नहीं । पाकिस्तान आतंकवाद का मसीहा है , आतंक की खेती करता है । जहां तक ईरान की बात है वह भारत का बहुत पुराना दोस्त है । ईरान का पुराना नाम पर्शिया था जो इस्लाम आने के बाद ईरान बन गया । लेकिन ईरान , तुर्की और अफगानिस्तान का रहना सहन यूरोप , ब्रिटेन और अमरिक के समान पूर्णतः आधुनिक था ।
ईरान और अफगानिस्तान कट्टर इस्लामिकवाद की भेंट चढ़ गए । जबकि तुर्की की जनता का लाइफ स्टाइल आज भी माडर्न है । लेकिन 1980 के दशक में शाह सरकार के पतन के बाद जैसे ही अयातुल्लाह बाप बेटे का राज आया ईरान कट्टर इस्लामिक देश बन गया । इतना कट्टर की हिजाब उतारने वाली हजारों लड़कियों को उसने जेलों में डालकर कत्ल करा दिया । अरब देशों में कट्टर आतंकी संगठन हमास , हुती और हिजबुल्लाह खड़ा करने वाला तथा आइसिस के प्रति नर्म रुख रखने वाला ईरान आज इसराइल को मिटाने का आखिरी दांव खेल रहा है ।
अमेरिका चाहता क्या है ? क्या यह बंकर में छिपे खोमेनई को सद्दाम हुसैन की तरह मार डालना चाहता है ? क्या खोमेनई को मार कर शाह रजा के 40 वर्षीय बेटे को ईरान की सत्ता सौंपना चाहता है अमेरिका ? कुछ तो है जो इसराइल को युद्ध में झोंककर अमेरिका करना चाहता है । हालांकि अमेरिका जैसे अफगानिस्तान से भागा , यूक्रेन को युद्ध में झोंककर जेलेंस्की को अकेला छोड़ा , जैसे उसने भारत पाक सीमित युद्ध में पैंतरा बदला , उसे देखते हुए अमेरिका पर विश्वास करना मुश्किल है । इस युद्ध में अमेरिका यदि आगे भी चुप रहा तो सबसे बड़ी सुपर पॉवर होने का दंभ केवल भाषणों में कैद होकर रह जाएगा ।
....... कौशल सिखौला
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