SATYAM SANĀTANAḤ
June 20, 2025 at 04:46 AM
*दिल्ली विश्वविद्यालय* (डीयू) ने स्पष्ट किया है कि *'मनुस्मृति'* उसके किसी भी पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाई जाएगी. विश्वविद्यालय ने एक्स पर एक आधिकारिक पोस्ट में कहा कि संस्कृत विभाग के चार-क्रेडिट वाले कोर्स *'धर्मशास्त्र अध्ययन'* में सूचीबद्ध इस ग्रंथ को पूरी तरह से हटा दिया गया है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) के तहत शुरू किए गए धर्मशास्त्र अध्ययन पेपर में *रामायण, महाभारत, पुराण और अर्थशास्त्र* जैसे ग्रंथ भी शामिल थे. इसी तरह का विवाद पिछले साल भी उठा था जब लॉ फैकल्टी ने कानून के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बाद में संकाय सदस्यों के विरोध के बाद वापस ले लिया गया था.
विश्वविद्यालय के रुख की पुष्टि करते हुए कुलपति योगेश सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, *"हमारा रुख वही रहेगा. मनुस्मृति डीयू के किसी भी पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाई जाएगी. विश्वविद्यालय ने अतीत में भी यह स्पष्ट कर दिया था. इस ग्रंथ को संस्कृत विभाग के धर्मशास्त्र अध्ययन से हटा दिया गया है. भविष्य में भी, जब भी हमारे संज्ञान में आएगा कि इस ग्रंथ को अध्ययन के लिए सुझाया गया है, प्रशासन इसे हटा देगा."*