
Poet And Pancakes
June 15, 2025 at 07:15 AM
उंगली पकड़ कर मैं चला, न जाने कब अपने पैरो पर खड़ा हुआ,
गोदी की थी आदत मेरी, न जाने कब मैं बड़ा हुआ,
तमन्ना है मेरी की नाम मैं करू रोशन,
रहूँ मैं जीवन में आपके हीरे सा जड़ा हुआ।
Happy Father's Day❤️
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