RadheRadheje™
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June 20, 2025 at 01:54 PM
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* https://whatsapp.com/channel/0029VaARDIOAojYzV7E44245 *⛅दिनांक - 21 जून 2025* *⛅दिन - शनिवार* *⛅विक्रम संवत् - 2082* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - आषाढ़* *⛅पक्ष - कृष्ण* *⛅तिथि - दशमी सुबह 07:18 तक, तत्पश्चात् एकादशी प्रातः 04:27 जून 22 तक, तत्पश्चात् द्वादशी* *⛅नक्षत्र - अश्विनी शाम 07:50 तक  तत्पश्चात् भरणी* *⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात् सुकर्मा* *⛅राहुकाल - सुबह 09:18 से सुबह 11:00 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)* *⛅सूर्योदय - 05:55* *⛅सूर्यास्त - 07:28 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से प्रातः 05:13 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)* *⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09* *⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जून 22 से रात्रि 01:03 जून 22 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)* *⛅व्रत पर्व विवरण - योगिनी एकादशी, अंतराष्ट्रीय योग दिवस* *⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है एवं एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)* *🔹कर्णवेध संस्कार क्यों व कैसे ?🔹* *🔸हिन्दू धर्म- संस्कारों में कर्णवेध (कान छेदना) संस्कार नौवाँ संस्कार है । बालकों व बालिकाओं की शारीरिक व्याधियों से रक्षा ही इस संस्कार का मूल उद्देश्य है ।* *🔸'आयुर्वेद' (सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थान : १९.२४) के अनुसार कान छेदने से अंत्रवृद्धि (inguinal hernia) होने की सम्भावना नहीं रहती ।* *🔸यह मान्यता है कि कर्ण-छेदन करने से सूर्य की किरणें कानों के उन छिद्रों से प्रवेश पाकर सामने बालक-बालिका को तेज-सम्पन्न बनाती हैं । बालक के पहले दायें कान में और बाद में बायें कान में छेद करें तथा बालिका के पहले बायें कान में फिर दायें कान में छेद करें । बालिका के बायें नथुने में भी छेद करके आभूषण पहनाने का विधान है ।* *🔸मस्तिष्क के दोनों भागों को विद्युत के प्रभावों से प्रभावशाली बनाने के लिए नाक और कानों में सोना पहनना लाभकारी माना गया है ।*
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