BhaktiTak
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June 14, 2025 at 04:45 AM
*जय श्री सीता राम* https://whatsapp.com/channel/0029VagzxYM3wtbBjjiijQ0Y 🌞~*आज का पञ्चाङ्ग*~🌞 🌤️ *दिनांक - 14 जून 2025* 🌤️ *दिन - शनिवार* 🌤️ *संवत्सर – सिद्धार्थ* 🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)* 🌤️ *शक संवत -1947* 🌤️ *कलि युगाब्द – 5127* 🌤️ *अयन - उत्तरायण* 🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)* 🌤️ *पक्ष - कृष्ण* 🌤️ *तिथि - तृतीया शाम 03:46 तक तत्पश्चात चतुर्थी* 🌤️ *नक्षत्र - उत्तराषाढा रात्रि 12:22 तक तत्पश्चात श्रवण* 🌤️ *योग - ब्रह्म दोपहर 01:13 तक तत्पश्चात इन्द्र* 🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:18 से सुबह 10:58 तक* 🌞 *सूर्योदय - 05:13* 🌞 *सूर्यास्त - 06:47* स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है। 🌤️ *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे* 🔥 *अग्निवास*🔥 18+07+01=26÷4=02 पाताल लोक में।❌❌ 🔱 *शिववास*🔱 18+18+5=41÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे। ❌❌ 🚩 व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय:रात्रि 10:01),विद्या लाभ योग (प्रातः 04:17 से रात्रि 11:45 तक),(गुजरात-महाराष्ट्र,कर्नाटक,तमिलनाडू,आंध्र प्रदेश,आदि अमावस्यांत मास प्रचलन वाले राज्यो को छोड़कर कर) ✨ विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) ✨ ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण') ✨ शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण') ✨ हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण) 🍁 *षडशीति-मिथुन संक्रान्ती* 🍁 🌷 *15 जून 2025 रविवार को षडशीति-मिथुन संक्रान्ती है ।* 🙏 पुण्यकाल : सुबह 06:53 से दोपहर 02:07 तक… जप,तप,ध्यान और सेवा का पूण्य 86000 गुना है !!! 🙏 इस दिन करोड़ काम छोड़कर अधिक से अधिक समय जप – ध्यान, प्रार्थना में लगायें। 🙏 षडशीति संक्रांति में किये गए जप ध्यान का फल ८६००० गुना होता है – (पद्म पुराण ) 🍁 *व्यापार में वृद्धि हेतु* 🍁 ⏩ रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें । फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिड़क दें। ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी।

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