JOKES &….
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June 18, 2025 at 11:31 AM
प्रिय मित्रों, एक ही विषय पर 6 शायरों का अलग नजरिया.... जरूर पढें :- 1- *Mirza Ghalib*: 1797-1869 *"शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,* *या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।"* ....... इसका जवाब लगभग 100 साल बाद मोहम्मद इकबाल ने दिया...... 2- *Iqbal*: 1877-1938 *"मस्जिद ख़ुदा का घर है, पीने की जगह नहीं ,* *काफिर के दिल में जा, वहाँ ख़ुदा नहीं।"* ....... इसका जवाब फिर लगभग 70 साल बाद अहमद फराज़ ने दिया...... 3- *Ahmad Faraz*: 1931-2008 *"काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर,* *खुदा मौजूद है वहाँ, पर उसे पता नहीं।"* ....... इसका जवाब सालों बाद वसी ने दिया...... 4- *Wasi*:1976-present *"खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह है,* *तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं।"* वसी साहब की शायरी का जवाब साकी ने दिया 5- *Saqi*: 1986-present *"पीता हूँ ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए,* *जन्नत में कौन सा ग़म है इसलिए वहाँ पीने में मजा नही।"* 2020 में हमारे एक शराबी मित्र के हिसाब से - *"ला भाई दारू पिला, बकवास न यूँ बांचो,* *जहाँ मर्ज़ी वही पिएंगे, भाड़ में जाएँ ये पांचों"* 😂🤣😂😜 🥃🥃🥃🥃🥃🥃 🥃 🥃 *मुझे शराब से महोब्बत नही है* *महोब्बत तो उन पलो से है* *जो शराब के बहाने मैं* *दोस्तो के साथ बिताता हूँ.* 🥃🥃 *शराब* तो ख्वामखाह ही बदनाम है. नज़र घुमा कर देख लो इस दुनिया में *शक्कर* से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं! 🥃🥃 तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर, *जिंदगी के तजुर्बे,* शराब से भी कड़वे होते है. 🥃🥃 कर दो तब्दील *अदालतों* को *मयखानों* में साहब; सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता! l🥃🥃 "बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा *जाम* में क्या गिरा *बदनाम* हो गया". "देता जब तक अपनी *सफाई* वो खुद *शराब* हो गया". 🥃🥃 *ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो* *कुछ आदतें बुरी भी सीख ले गालिब,* *ऐब न हों तो* *लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते.* 🥃🥃 *अभी तो सेनेटाइजर का जमाना है वो भी शराब का ही भाई है.* *फर्क बस इतना है शराब अंदर से साफ करती है.* *और सेनेटाइजर बाहर से.* 🥃🥃 *सभी शाराब प्रेमी मित्रों को समर्पित*। 🤣🤣✌✌💪💪

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