Sushil Yadav Official
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                May 23, 2025 at 12:54 PM
                               
                            
                        
                            • 🌹 *नागरिकता* 🌹
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* *भारतीय संविधान के भाग 2* के अंतर्गत *अनुच्छेद 5 से 11 तक नागरिकता* का उल्लेख किया गया है। भारत में ब्रिटेन के समान एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है। * *अनुच्छेद 11* के अंतर्गत *संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति दी गई है।* * संसद द्वारा भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया गया है। * *भारतीय नागरिकता पांच प्रकार* से प्राप्त की जा सकती है **जन्म से (By Birth) वंश परंपरा से (By Descent) पंजीकरण से (Registration) देशीकरण से (By Naturalisation)* *अर्जित भूमि के समामेलन द्वारा (By Acquisition of Land)।* * भारतीय नागरिकता का अंत (लोप) तीन प्रकार से हो सकता है- (i) किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करने पर, (ii) नागरिकता त्यागने पर तथा (iii) सरकार द्वारा वंचित करने पर। **अनुच्छेद 6* में पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों की नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है। * *अनुच्छेद 7* में पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों की नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है। **अनुच्छेद 8* में भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों की नागरिकता के अधिकार के बारे में उपबंध है। * *अनुच्छेद 9 के* अनुसार, जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य का नागरिक हो जाता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है। * प्रवासी के रूप में रहने वाले विदेशी व्यक्ति के लिए देशीकरण के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने के लिए 10 वर्षों तक निवास करना अनिवार्य है। * नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1) (a) के तहत पंजीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत में सात वर्ष बिताने होंगे। *संसद, नागरिकता के अर्जन हेतु शर्तों को नियत करने के लिए सक्षम है। * वर्ष 2005 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम में अप्रवासी भारतीय नागरिक की संकल्पना की गई जिसके अनुसार, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर सभी देशों के भारतीय मूल के नागरिकों को केंद्र सरकार को आवेदन पर अप्रवासी भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत किया जा सकेगा। *10 जनवरी, 2020 से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू हुआ। यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के अवैध प्रवासियों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है। * इस अधिनियम द्वारा उन्हीं को नागरिकता देने का प्रावधान है, जिन्होंने 31 दिसंबर, 2014 को या उसके पहले भारत में प्रवेश किया। यह अधिनियम संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होता है। यह अधिनियम बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन, 1873 के तहत अधिसूचित 'इनर लाइन' में आने वाले क्षेत्रों में भी लागू नहीं होता है।
                        
                    
                    
                    
                    
                    
                                    
                                        
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