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*शान्तिकुंज की सभी अपडेट पाने के लिए नीचे Link पर Click करें 🌷* 👉 *शान्तिकुंज हरिद्वार का अधिकारिक Official WhatsApp चैनल*👇 https://whatsapp.com/channel/0029VaG2z1Q0Qeap8z0Ctq2x 🔸 *यह गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार का ( अधिकारिक ) official WhatsApp चैनल है। इसको follow करें और गायत्री परिवार की गतिविधियों से अपडेट रहें ।* 🔹 *शांतिकुंज हरिद्वार से प्रसारित होने वाली सभी प्रचारात्मक सामग्री एवं अमृतवाणी जो पहले ग्रुप में भेजी जाती थी अब इस WhatsApp चैनल में भेजी जाएँगी।* *धन्यवाद 🙏🙏*
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*"उस अंधकार- युग में- जब कि देश की समस्त जनता तरह- तरह की निरर्थक और हानिकारक रूढि़यों में ग्रस्त थी, जिससे स्वामी जी को पग- पग पर लोगों के विरोध, विघ्न- बाधा और संघर्ष का सामना करना पडा़।* पर वे अपनी अजेय शारीरिक और मानसिक शक्ति, साहस और दृढ़ता के साथ अपने निश्चित मार्ग पर निरंतर बढ़ते रहे, और अंत में अपने लक्ष्य की प्राप्ति में बहुत सफल हुए।" -युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी *“वेदों की ओर लौटो”* का महामंत्र देकर समाज में आध्यात्मिक जागरण लाने वाले महान सुधारक, आर्य समाज के संस्थापक, सनातन संस्कृति के पुनरुत्थानकर्ता महर्षि दयानंद सरस्वती जी को अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। https://goo.gl/GafJp5

Rishton Ki Psychology | Relationship & Marriage | Making Marriage Work | Red Flags In Relationships - Resp. Dr. Chinmay Pandya Podcast With Rama Solanki 👇👇👇 https://youtu.be/LVHfgYsApWw Struggling with communication, conflict, or just want to build a stronger relationship? Join Resp. Dr. Chinmay Pandya and Rama Solanki as they unpack the psychology behind healthy relationships, offering practical tools and expert advice for couples at every stage. 👇👇👇 This is the official YouTube channel of Shantikunjvideo Regional Gayatri Pariwar ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ Shantikunjvideo Regional चैनल को Subscribe करके Bell 🔔 बटन को जरूर दबाएं और अपडेट रहें ➨ YouTube : https://rb.gy/zp2jyg ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 Watch More Shantikunj Videos ➨ Subscribe Us On YouTube : https://goo.gl/GafJp5
शांतिकुंज तीर्थ दर्शन- | SHANTIKUNJ HARIDWAR | AWGP OFFICIAL | GAYATRI PARIWAR VIDEO https://youtube.com/shorts/5GMIKYFK6rc शांतिकुंज, हरिद्वार – साधना, सेवा और संस्कार की पावन भूमि, जहाँ अध्यात्म और संस्कृति एक साथ प्रवाहित होते हैं। इस वीडियो में करें शांतिकुंज तीर्थ का दिव्य दर्शन। 🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅 👉🏻 शांति कुंज यूट्यूब चैनल (Shantikunjvideo-AWGP) पर आध्यात्मिक और प्रेरणादायक वीडियो की अनमोल श्रृंखला देखें: 🔗https://www.youtube.com/c/shantikunjvideo ✅ वीडियो देखें और उन्हें लाइक करें। ✅ अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें। ✅ चैनल को सब्सक्राइब करें और नोटिफिकेशन ऑन करें, ताकि हर नई प्रेरणा आप तक सबसे पहले पहुंचे। 💬 आपकी राय हमारे लिए अनमोल है! अपने विचार और सुझाव कमेंट्स में साझा करें । 🌟 आइए, मिलकर प्रेरणा और प्रकाश का संदेश फैलाएं। -समाज उत्थान और आत्म-विकास का दिव्य संदेश -अखंड ज्योति और शांतिकुंज की स्थापना की पृष्ठभूमि
*🥀 २२ फरवरी २०२५ शनिवार 🥀* *//फाल्गुन कृष्णपक्ष नवमी २०८१//* ➖➖➖➖‼️➖➖➖➖ *‼ऋषि चिंतन‼* ➖➖➖➖‼️➖➖➖➖ 〰️〰️〰️➖🌹➖〰️〰️〰️ *सुख और दुःख का दृष्टिकोण* 〰️〰️〰️➖🌹➖〰️〰️〰️ 👉 *भूलोक के परलोक में "सुख" को "स्वर्ग" और "दुःख" को "नरक" कहते हैं।* जिन्हें इस लोक में सुख प्राप्त है, वे स्वर्ग भोग रहे हैं और जिन्हें दुःख प्राप्त हो रहा है, वे बेचारे नरक भोग रहे हैं। यह एक मोटी परिभाषा है। *इतना कह देने से ही काम न चलेगा।* अब हमें नरक की बारीकी में जाना होगा। *कितने ही व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्हें रुपया-पैसा, धन-दौलत, सोना-चाँदी की किसी प्रकार की कमी नहीं। नौकर-चाकर, महल, मोटर सब कुछ है। ऐश आराम के तरह-तरह के साधन मौजूद हैं। इतना सब होते हुए भी उन्हें चैन नहीं, दिन-रात अशांति की ज्याला में जलते रहते हैं, रात को नींद नहीं आती, सारी सुख-सामग्री फीकी मालूम होती है।* हमें ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं कि अमुक राजकुमार या धनी व्यक्ति ने अपने ऐश आराम के जीवन को लात मार दी और अमुक त्यागपूर्ण रास्ता ग्रहण कर लिया, *इससे प्रतीत होता है कि उन्हें उस सुख-सामग्री में वास्तविक "सुख"नहीं मिला।* 👉 हमारा व्यक्तिगत रूप से अनेक धनी-मानी और समृद्ध व्यक्तियों से संपर्क रहता है। वे अपने हृदय की व्यथा खोलकर हमारे सामने अपने मन का भार हल्का करते हैं। *लंबे समय के अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि सुख-सामग्री होते हुए भी बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो सुखी कहे जा सकते हैं।* अधिकांश में तो वे गरीब और अभावग्रस्त लोगों से भी अधिक दु:खी पाए जाते हैं। 👉 अब दूसरी ओर देखिए। *इस दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिनके पास धन-संपत्ति नहीं है। साथ ही कष्ट भी उठाते हैं, फिर भी वे "स्वर्गवासी" कहे जाते हैं।* साधु, संत, महात्माओं के पास धन-संपत्ति नहीं होती, उनके पास जीवन निर्वाह को अन्न-वस्त्र जैसी साधारण वस्तुएँ भी पर्याप्त मात्रा में नहीं होतीं, धन के अभाव में प्रायः कुछ-न-कुछ वस्तुओं का अभाव उनके सामने खड़ा ही रहता है। *कितने ही परोपकारी मनुष्य संसार के हित के लिए कष्ट सहते हैं।* दधीचि ने अपनी हड्डियाँ दीं, हरिश्चंद्र ने अपने को तथा स्त्री-पुत्रों को बेचा, मोरध्वज ने अपने पुत्र को दे डाला, शिवि ने नाना विधि कष्ट उठाए, मीरा और दयानंद ने विष के प्याले पिए, प्रह्लाद ने पिता के अत्याचार सहे, *भारत के स्वाधीनता संग्राम में लाखों व्यक्तियों ने जेल, लाठी-गोली तथा फाँसी सही, यह कष्ट सहना "दुःख" या "नरक" भोगना नहीं कहा जा सकता। ऐसे कष्टों में भी "स्वर्ग" का "सुख" छिपा होता है।* *स्वेच्छा से स्वीकार किया हुआ कष्ट "तप" कहलाता है।* वह बाहर से कष्ट जैसा दिखाई पड़ता है, पर वास्तव में वह दु:ख नहीं है। ➖➖➖➖🪴➖➖ *अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार पृष्ठ-२५* *🪴पं. श्रीराम शर्मा आचार्य 🪴* ➖➖➖➖🪴➖➖ https://youtu.be/BcLQObhfv_g?si=ymJ86R7nYHaC9W33
गायत्री प्रवाह" – एक विशेष शो, जहां हर दिन एक नई प्रेरणा, नई दिशा और नवीन विचारों का प्रवाह होता है! देखें हर रोज़ रात 8:10 बजे, केवल संस्कार टीवी चैनल पर।📺 *हर दिन एक नया विषय, हर दिन एक नई सोच!*🕉️ *आज का विशेष प्रसारण :" अखंड ज्योति की अखंड यात्रा का स्वरूप मत्स्यावतार।" : आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी*

*🥀 २४ फरवरी २०२५ सोमवार 🥀* *//फाल्गुन कृष्णपक्षएकादशी २०८१//* ➖➖➖➖‼️➖➖➖➖ *‼ऋषि चिंतन‼* ➖➖➖➖‼️➖➖➖➖ 〰️〰️〰️➖🌹➖〰️〰️〰️ *❗आत्मा की अमरता पर❗* *‼️दृढ़ विश्वास कीजिए‼️* 〰️〰️〰️➖🌹➖〰️〰️〰️ 👉 *"आत्मा" की "अमरता" का विश्वास सचमुच भू-लोक का "अमृत" है।* इसे पान करने के उपरांत मनुष्य की दिव्य दृष्टि खुलती है। वह कल्पना करता है कि मैं अतीत काल से, सृष्टि के आरंभ से एक अविचल जीवन जीता चला आया हूँ। *अब तक लाखों करोड़ों शरीर बदल चुका हूँ। पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े, जलचर-नभचर के लाखों मृत शरीरों की कल्पना करता है और अंतर्दृष्टि से देखता है कि ये इतने शरीर समूह मेरे द्वारा पिछले जन्मों में काम में लाए एवं त्यागे जा चुके हैं।* उसकी कल्पना भविष्य की ओर भी दौड़ती है, अनेक नवीन सुंदर ताजे शक्ति संपन्न शरीर सुसज्जित रूप से सुरक्षित रखे हुए उसे दिखाई पड़ते हैं। जो निकट भविष्य में उसे पहनने हैं। *यह कल्पना - यह धारणा - ब्रह्म विद्या के विद्यार्थी के मानस लोक में सदैव उठती, फैलती और पुष्ट होती रहती है।* यह विचारधारा धीरे-धीरे निष्ठा और श्रद्धा का रूप धारण कर जाती है, जब पूर्णरूप से, *समस्त श्रद्धा के साथ यह विश्वास करता है कि वर्तमान जीवन मेरे महान अनंत जीवन का एक छोटा-सा परमाणु मात्र है, तो उससे समस्त मृत्यु जन्य शोकों की समाप्ति हो जाती है।* उसे बिल्कुल ठीक वही आनंद उपलब्ध होता है जो किसी अमृत का घट पीने वाले को होना चाहिए। 👉 *"मैं पवित्र अविनाशी और निर्लिप्त आत्मा हूँ" इस महान सत्य को स्वीकार करते हुए मनुष्य अमरत्व के समीप पहुँच जाता है।* उसका दृष्टिकोण अमर, सिद्ध, महात्मा और देवताओं जैसा हो जाता है। इस परिस्थिति के भव-बंधन में बँधा हुआ इधर-उधर नाचता नहीं फिरता, वरन् अपने लिए वैसे ही संसार का जान-बूझकर निर्माण करता है, जैसा आत्म-विश्वास और आत्म-परायणता का मार्ग है। *यदि आप अपना सम्मान करते हैं, अपने को आदरणीय मानते हैं, अपनी श्रेष्ठता और पवित्रता पर विश्वास करते हैं, तो सचमुच वैसे ही बन जाते हैं।* जीवन की अंत:चेतना उसी साँचे में ढल जाती है, और रक्त के साथ दौड़ने वाली विद्युत शक्ति में ऐसा प्रवाह उत्पन्न हो जाता है, जिसके द्वारा हमारे सारे काम-काज ऐसे होने लगते हैं, जिनमें उपरोक्त भावनाओं का प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखाई देने लगता है। 👉 *"आत्मा" की "अमरता" पर विश्वास करना ही "अमृत" है।* "मैं अविनाशी हूँ", पग-पग पर दिखाई देने वाले भय को मार भगाकर निर्भयता प्रदान करने वाला यह मृत्युंजय बीज मंत्र है, *अपने अंदर पवित्रता अनुभव करने में आत्म सम्मान है और अपने को अविनाशी समझने से आत्म-विश्वास का प्रादुर्भाव होता है।* निराशा और भय के झूले में झूलने वाले लोगों को *"मैं अविनाशी हूँ"* यह मंत्र जीवन संदेश देता है, वह कहता है- *उठो ! कर्त्तव्य पर प्रवृत्त होओ, तुम्हारा जीवन अखंड है, कपड़े बदल जाएँगे, पर तुम नहीं बदलोगे शरीर बदल जाएँगे, पर जीवन नहीं बदलेगा।* अपने ऊपर विश्वास करो। आत्मा और परमात्मा पर विश्वास करो, तुम्हें कोई नष्ट नहीं कर सकता। *इस विश्वास के सहारे उसका जीवन तेजस्विता से परिपूर्ण श्रद्धामय, आनंदमय हो जाता है।* ➖➖➖➖🪴➖➖➖➖ *ईश्वर से साझेदारी हर दृष्टि से नफे का सौदा पृष्ठ-०७* *🪴पं. श्रीराम शर्मा आचार्य 🪴* ➖➖➖➖🪴➖➖➖➖ https://youtu.be/LVHfgYsApWw
गायत्री तपोभूमि मथुरा की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ | एक नई DIGITAL पहल | AWGP OFFICIAL NEWS https://youtube.com/shorts/7yGGsbDBsZs अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक, युगऋषि पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा स्थापित गायत्री तपोभूमि, मथुरा की आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण आदरणीय मृत्युंजय शर्मा जी के करकमलों एवं विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस वेबसाइट के माध्यम से परिजन गायत्री परिवार की गतिविधियों, साधना शिविरों, कार्यक्रमों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। 🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅 👉🏻 शांति कुंज यूट्यूब चैनल (Shantikunjvideo-AWGP) पर आध्यात्मिक और प्रेरणादायक वीडियो की अनमोल श्रृंखला देखें: 🔗https://www.youtube.com/c/shantikunjvideo ✅ वीडियो देखें और उन्हें लाइक करें। ✅ अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें। ✅ चैनल को सब्सक्राइब करें और नोटिफिकेशन ऑन करें, ताकि हर नई प्रेरणा आप तक सबसे पहले पहुंचे। 💬 आपकी राय हमारे लिए अनमोल है! अपने विचार और सुझाव कमेंट्स में साझा करें । 🌟 आइए, मिलकर प्रेरणा और प्रकाश का संदेश फैलाएं। -समाज उत्थान और आत्म-विकास का दिव्य संदेश -अखंड ज्योति और शांतिकुंज की स्थापना की पृष्ठभूमि
*क्या आपके रिश्तों में कहीं संवाद की कमी या भावनात्मक दूरी आ रही है?* क्या आप चाहते हैं कि आपके संबंधों में और अधिक प्रेम, विश्वास और मिठास हो? *क्या आप चाहते हैं कि आपके संबंध और भी मधुर, सशक्त और सार्थक बनें?* ‼️जुड़ें अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रेरणास्त्रोत डॉ. चिन्मय पंड्या जी के साथ और सीखें Relationship Management के Simple सूत्र‼️ 📌- *आज शनिवार, शाम 7:00 बजे सिर्फ शांतिकुंज यूट्यूब चैनल पर* रिश्ते केवल भावनाओं का संगम नहीं, बल्कि आत्मिक विकास का आधार भी हैं। *समझें रिश्तों का मनोविज्ञान और जानिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संबंधों को मजबूत करने का विज्ञान* यह मात्र एक संवाद नहीं, बल्कि आपके रिश्तों में नई चेतना और सकारात्मक परिवर्तन लाने का अनुपम अवसर है। 📲 *इसे स्वयं अपनाएं और अपने प्रियजनों तक अवश्य पहुंचाएं!*

*The Meaning of Sadhana* | *Sadhna ka Arth* - *RESP. DR. CHINMAY PANDYA* PRAVACHAN | SHANTIKUNJ | AWGP https://youtu.be/K0xtcaRTz1M साधना का अर्थ क्या है? यह प्रश्न कई लोगों के मन में उठता है। इस वीडियो में, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी , शांतिकुंज, हरिद्वार, साधना के सच्चे अर्थ और महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वे बताते हैं कि साधना केवल रस्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें अपने भीतर की शांति और आनंद की ओर ले जाती है। What is the meaning of Sadhana? This question arises in the minds of many people. In this video, Resp. Dr. Chinmay Pandya, Shantikunj, Haridwar, sheds light on the true meaning and importance of Sadhana. He explains that Sadhana is not limited to rituals, but it is a deep spiritual journey that leads us to inner peace and bliss.