
Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी
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*🔸गर्मी में विशेष लाभकारी - पुदीना🔸* *🔹पुदीना गर्मियों में विशेष उपयोगी एक सुगंधित औषध है। यह रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, हृदय - उत्तेजक, विकृत कफ को बाहर लानेवाला, गर्भाशय व चित्त को प्रसन्न करनेवाला है । पुदीने के सेवन से भूख खुलकर लगती है और वायु का शमन होता है । यह पेट के विकारों में विशेष लाभकारी है। श्वास, मूत्राल्पता तथा त्वचा के रोगों में भी यह उपयुक्त है ।* *🔹औषधि-प्रयोग🔹* *पेट के रोग : अजीर्ण, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, पेचिश, पेट में मरोड़, अतिसार, उलटियाँ, खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है ।* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

*🔹प्यास व भूख लगने पर..* *प्यास लगे तो जल पियें, भूख तो भोजन खायें ।* *भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जायें ।।* *जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते, अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है ।* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

“जामुन काले मगर गुण उजले” 🖤 जामुन के प्रमुख लाभ ✅ खून को साफ करता है नियमित सेवन से रक्त शुद्ध रहता है और त्वचा चमकदार बनती है। ✅ शरीर को ठंडक देता है जामुन का रस शरीर में ठंडक और संतुलन बनाए रखता है। ✅ गर्मी से राहत गर्मियों में सिरदर्द और थकावट से राहत देता है। ✅ पीलिया में लाभदायक पीलिया के लक्षणों में सुधार करता है। ✅ ऑक्सीजन की कमी में फायदेमंद जामुन का रस पीने से ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है। ✅ नींद लाने में मदद जामुन का रस दूध या पानी में मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है। ✅ बच्चों की बुद्धि के लिए फायदेमंद नियमित सेवन से बच्चों का मानसिक विकास तेज़ होता है। ✅ दांतों और मसूड़ों के लिए अच्छा जामुन के बीज या गुठली का चूर्ण मसूड़ों और सांसों के रोगों में उपयोगी है। ✅ त्वचा के रंग में सुधार सांवली त्वचा में निखार आता है। ✅ दुर्बलता और थकान दूर करता है थके शरीर को ऊर्जा देता है। ⸻ 💡 Tips: जामुन की गुठली सुखाकर चूर्ण बना लें — ये डायबिटीज, पाचन, और मसूड़ों के लिए रामबाण है। Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

*🔹दिमाग को कमजोर करनेवाली आदतें🔹* *🔸१] पर्याप्त नींद न लेना २] अधिक भोजन ३] ज्यादा तली, अधिक मिर्च- मसालेवाली चीजें व बासी भोजन खाना ४] एक समय में एक से अधिक काम में दिमाग लगाना, जैसे कि पढ़ाई करते समय गाने सुनना ५] रात को खूब जागना व सूर्योदय के बाद भी सोते रहना ६] चिंता-तनाव ७] मोबाइल फोन का अति उपयोग ८] चाय- कॉफ़ी पीना ९] रज, वीर्य नाश आदि ।* *🔹ये गलत आदतें दिमाग को कमजोर करती हैं । Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

*🔹गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार🔹*। भाग - २ Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c *🍉तरबूज :- ग्रीष्म ऋतुमें प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।* *तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।* *🔸गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।* *🔸तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।* *☘️धनिया : - धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।* *🔸१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में १ गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।*

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*🔸आहार-सम्बन्धी कुछ आवश्यक नियम🔸* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c *🔹१-सदैव अपने कार्य के अनुसार आहार लेना चाहिये। यदि आपको कठोर शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो अधिक पौष्टिक आहार लेवें। यदि आप हलका शारीरिक परिश्रम करते हैं तो हलका सुपाच्य आहार लेवें।* *🔷२-प्रतिदिन निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिये।* *🔷३-भोजन को मुँह में डालते ही निगले नहीं, बल्कि खूब चबाकर खायें, इससे भोजन शीघ्र पचता है।* *🔷४-भोजन करने में शीघ्रता न करें और न ही बातों में व्यस्त रहें।* *🔷५-अधिक मिर्च-मसालों से युक्त तथा चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थ न खायें। इससे पाचन-तन्त्र के रोग विकार उत्पन्न होते हैं।* *🔷६-आहार ग्रहण करने के पश्चात् कुछ देर आराम अवश्य करें।* *🔷७-भोजन के मध्य अथवा तुरंत बाद पानी न पीयें। उचित तो यही है कि भोजन करने के कुछ देर बाद पानी पिया जाय, किंतु यदि आवश्यक हो तो खाने के बाद बहुत कम मात्रा में पानी पी लेवें और इसके बाद कुछ देर ठहर कर ही पानी पीयें।* *🔷८-ध्यान रखें, कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत गरम या बहुत ठंडा न खायें और न ही गरम खाने के साथ या बाद में ठंडा पानी पीयें।* *🔷९-आहार लेते समय अपना मन-मस्तिष्क चिन्तामुक्त रखें।* *🔷१०-भोजन के बाद पाचक चूर्ण या ऐसा ही कोई भी अन्य औषध-पदार्थ सेवन करने की आदत कभी न डालें। इससे पाचन-शक्ति कमजोर हो जाती है।* *🔷११-भोजनोपरान्त यदि फलों का सेवन किया जाय तो यह न केवल शक्तिवर्द्धक होता है, बल्कि इससे भोजन शीघ्र पच भी जाता है।* *🔷१२-जितनी भूख हो, उतना ही भोजन करें। स्वादिष्ठ पकवान अधिक मात्रा में खाने का लालच अन्ततः अहितकर होता है।* *🔷१३-रात्रि के समय दही या लस्सी का सेवन न करें।* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

*🥥🫒नारियल पानी के लाभकारी प्रयोग🫒🥥* *🔹 मूत्र त्यागते समय जलन होने पर नारियल के पानी में गुड़ और हरा धनिया मिलाकर रोगी को पिलाने से राहत मिलती है ।* *🔹 नारियल पानी यकृत की अनेक बीमारियों में लाभदायक है । उल्टी, हैजा, पेचिश, एसिडिटी, अल्सर, आदि में यह हितकर है I थकान तथा नाड़ी की तमाम गड़बड़ियाँ नारियल पानी से दूर हो जाती हैं ।* *🔹 कच्चे नारियल का पानी चेहरे पर मलने से चेहरे के दाग-धब्बे व मुंहासों के निशान मिट जाते हैं और चेहरा सुन्दर हो जाता है I* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है ।* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c

*🔹सबके लिए क्यों जरूरी है सूर्यस्नान ?🔹* *🔸सूर्य की किरणों में जो रोगप्रतिकारक शक्ति है, रोगनाशिनी शक्ति है वह दुनिया की सब औषधियों को मिलाकर भी नहीं मिलती है ।* *🔸डॉक्टर सोले कहते हैं : "सूर्य में जितनी रोगनाशक शक्ति है उतनी संसार के अन्य किसी पदार्थ में नहीं है ।* *🔸 कैंसर, नासूर, भगंदर आदि दुःसाध्य रोग, जो बिजली या रेडियम के प्रयोग से भी ठीक नहीं किये जा सकते, वे सूर्य-रश्मियों के प्रयोग से ठीक होते हुए मैंने देखे हैं ।"* *🔸जो माइयाँ सूर्यकिरणों से अपने को बचाये रखती हैं उनके जीवन में ज्यादा बीमारियाँ देखी जा सकती हैं । इसलिए रोज सुबह सिर को कपड़े से ढककर ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठना चाहिए । ऐसा सूर्यस्नान लेटकर करें तो और अच्छा ।* *🔸डॉक्टर होनर्ग ने लिखा है: 'रक्त का पीलापन, पतलापन, लोह (हीमोग्लोबिन) की कमी, नसों की दुर्बलता, कमजोरी, थकान, पेशियों की शिथिलता आदि बीमारियों का सूर्य किरण की मदद से इलाज करना लाजवाब है ।'* Follow the Ayurved_Hindi आयुर्वेद हिंदी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHJBL3JJhzc93TTSW2c