BAWS Hindi | डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर लेखन एवं भाषण
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डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर लेखन एवं भाषण हिंदी वॉल्यूम 1 से 40 में से बाबासाहेब के महत्वपूर्ण कथन व् विचारों का संग्रह।
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                                2500वी बौद्ध जयंती के अवसर पर 24 मई 1956 को बाबासाहब आंबेडकर ने मुंबई में कहा था कि, "अब अगर बौद्ध धर्म की लहर आए तो वह कभी नहीं लौटेगी।" https://baws.in/books/baws/HI/Volume_40/pdf/430
                                    
                                https://www.instagram.com/reel/DKLdxQ1Jnyu/?igsh=bXBhcGVqbzZrdjY3 माता रमाई के स्मृति दिवस पर उनको नमन।
                                    
                                भीमराव अंबेडकर को "बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर" बनाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देनेवाली, त्याग और संघर्ष की मिशाल पूज्य माता रमाई के जन्मदिवस पर उनको नमन। "पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन" ग्रन्थ बाबासाहेब ने पूज्य रमाई को अर्पित किया था। बाबासाहेब ने लिखा है कि, "रामू की स्मृति में अंकित यह उनके हृदय की अच्छाई, उनके मन के बड़प्पन और उनके चरित्र की पवित्रता के प्रति मेरी सराहना के प्रतीक के रूप में और साथ ही मेरे साथ कष्ट सहने की धैर्य और तत्परता के प्रतीक के रूप में है, जो उन्होंने अभाव और चिंताओं के उन मित्रहीन दिनों में दिखाई थी, जो हमारे हिस्से में आए थे।"
                                    
                                https://x.com/BAWSHindi/status/1888334984177504376?t=feC6bk54GxwH8A_E4kxq3w&s=08
                                    
                                https://baws.in/books/baws/HI/Volume_37/pdf/487
                                    
                                From Dr Ambedkar's writings and speeches: डॉ. अम्बेडकर ने बताया कि केवल बुद्ध ही ऐसे थे जिनसे आत्मा के बारे में बार-बार पूछने पर वे कहते थे, ‘‘ये सारे तर्क बेकार हैं। आत्माओं का अस्तित्व कोई भी सिद्ध नहीं कर सकता है। मेरा ध्यान सिर्फ मनुष्यों पर केंद्रित है। मैं मनुष्यों के बीच नैतिक सद्व्यवहार को प्रतिष्ठित करना चाहता हूं।’ to read more please go to https://baws.in/books/baws/HI/Volume_37/pdf/487