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5/31/2025, 1:56:57 PM

*🟢 सागरीय जल में पाए जाने वाले लवण- ▪️सोडियम क्लोराइड *77.8%* ▪️मैग्नीशियम क्लोराइड *10.9%* ▪️मैग्नीशियम सल्फेट *4.7%* ▪️कैल्शियम सल्फेट *3.6%* *🔳 सर्वाधिक लवणता वाले क्षेत्र* ▪️लेक वांन सील (तुर्की) ▪️मृत सागर (जॉर्डन) ▪️ग्रेट साल्ट लेक (अमेरिका) *नोट 👉 सभी बढ़ते से घटते क्रम में है* https://whatsapp.com/channel/0029VaAxqPSElah1wBuFen1G

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2/7/2025, 1:40:07 PM

प्राचीन काल (वीर गाथा काल)...1050..1450 ई. पूर्व मध्य काल (भक्ति काल)...1450 ...1650 ई. उत्तर मध्य काल (श्रृंगार रस काल)...1650_1850 आधुनिक काल......1850 से निरंतर आजकल इससे सवाल बन रहा है ध्यान में रखे ❤️👍

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2/21/2025, 2:00:07 PM

♣️ राजस्थान के लोकनृत्य ☆ लोकनृत्य वह कला है, जिसके द्वारा हाव-भाव, अंग संचालन, भाव भंगिमाओं के माध्यम से मनोदशा को व्यक्त किया जाता है । ये आडम्बर हीन नियमों उपनियमों के झंझाल में आबद्ध नही होने के कारण अपने स्वभावगत सुन्दरता के कारण अधिक प्रभावशाली होते है । ☆ राज्य के प्रमुख लोकनृत्य को चार भागों में विभाजित किया गया है । 1. जनजातीयों के नृत्य 2. व्यवसायिक लोकनृत्य 3. सामाजिक-धार्मिक नृत्य 4. क्षेत्रिय नृत्य । 👉 विभिन्न जातीयों के नृत्य एक नजर : 1. भील :- गवरी/राई, युद्ध, द्विचकरी, गोसाई, घूमरा, साद, पालीनोच, हथमनी, नेजा नृत्य । 2. गरासिया :- रायण, मोरिया, जवारा, गौर, माँदल, कूद, लूर, वालर नृत्य। 3. कथौड़ी :- मावलिया, होली नृत्य । 4. मेव :- रणबाजा, रतबई नृत्य । 5. रेबारी :- गैर, लूम्बर नृत्य । 6. सहरिया :- लहँगी, शिकारी नृत्य । 7. भील-मीणा :- नेजा नृत्य । 8. कंजर :- घोड़ी, लहरी, चकरी, धाकड़ नृत्य । 9. गुर्जर :- चरी नृत्य | 10. कालबेलिया :- शंकरिया, पणीहारी, बागडियां, इण्डोणी नृत्य । 

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2/23/2025, 1:45:36 PM

महत्वपूर्ण चंगेज खान  अपने आप को ईशवर का अभिशाप कहता था मंगोलिया के मरुस्थल में तिमुचीन  जो बाद में चंगेज खान के नाम से जाना गया व्यक्ति पैदा हुआ यह अपने आप को खुदा का कहर कहा करता था चंगेज खान की जीवनी जुबानी के द्वारा लिखी गई है और ये लोग खाकान  की उपाधि धारण करते थे चंगेज खां की क्रुरता का अंदाजा इस बात से लगाया लगाया जा सकता है कि इन्होंने अपने समय मे लगभग 4 करोड़  लोगों का कत्ल किया था एक रिपोर्ट के अनुसार आज भी लगभग दुनिया की 30% आबादी चंगेज खान की वंशज है ये जिस क्षेत्र को जीतते थे वहां के समस्त पुरुषों का कत्ल कर दिया जाता था और महिलाओं को अपनी दास बना लिया करते थे  खान लगे होने के कारण कुछ लोग इनको मुस्लिम  मानते हैं  लेकिन यह इस धर्म का अनुयाई नहीं था इसके सरदार खान की उपाधि धारण करते थे और यही उपाधि भारत में मुगल वंश के संस्थापक बाबर के द्वारा भी 1526 में धारण की गई थी इल्तुतमिश के समय 1221 में चंगेज खान सिंधु नदी के तट पर आया था यह ख्वारिजम के जलालुदीन मंगबरनी का पीछा करता हुआ सिंधु नदी तक आ गया था लेकिन इल्तुतमिश ने कूटनीति से काम लेते हुए इसे शरण प्रदान नहीं की जिसके कारण दिल्ली सल्तनत चंगेज खान के आक्रमण से बच गई थी 👉Contact paid promotion @Helpersoyalhelper Share support our group link👉 https://t.me/rasreetgs

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