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*"नमस्कार🙏 NKOSH के WhatsApp चैनल में आपका स्वागत है* *एनकोष* चैनल के माध्यम से आपको आधुनिक तकनीकों और कृषि समस्याओं से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलेगी! यहां आपको हमारे विशेषज्ञों द्वारा खेती को और बनाने के लिए सलाह, अनुभवी सुझाव, मंडी रेट, नई टेक्नोलॉजी, कृषि न्यूज, सरकारी स्कीम इत्यादि से जुड़ी सारी जानकारी मिलती रहेंगी।
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*🌾उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 में पांचवें संशोधन के आदेश जारी🌾* *14 जून 2025, नई दिल्ली:-* उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 में पांचवें संशोधन के आदेश जारी – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय , नई दिल्ली द्वारा भारत के राजपत्र में दिनांक 10 जून 2025 को असाधारण आदेश ( क्रमांक 2479 ) जारी कर आवश्यक वस्तु अधिनियम , 1955 (1955 का 10) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उर्वरक ( अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित ) ( नियंत्रण ) आदेश, 1985 में संशोधन करने के लिए आदेश जारी किया है। इस आदेश का संक्षिप्त नाम उर्वरक ( अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित ) ( नियंत्रण ) पांचवा संशोधन आदेश, 2025 है । यह राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को लागू होगा। उक्त संशोधन आदेश में उर्वरक ( अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित ) ( नियंत्रण ) आदेश,1985 के खंड 20 ग के, उपखंड (3) में, मद ख के स्थान पर, “ख. जैव प्रभावकारिता परीक्षण के तहत निम्नलिखित दो मदें रखी जाएंगी अर्थात कृषि जैव प्रभावकारिता परीक्षण राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान तंत्र जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , राज्य कृषि विश्वविद्यालय भी शामिल हैं, में संचालित किया जाएगा ।दूसरा जैव प्रभावकारिता परीक्षण एक ही फसल पर कम से कम एक मौसम के तीन विभिन्न खुराकों के रूप में तीन कृषि पारिस्थितिकी अवास्थानों पर संचालित किए जाएंगे । उक्त आदेश की अनुसूची VI में (i) भाग घ के स्थान पर निम्नलिखित भाग रखा जाएगा जिसमें भाग घ के तहत परीक्षण की कार्य पद्धति को विस्तार से प्रदर्शित किया गया है। *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh* https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G *चैनल को SUBSCRIBE करें। साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे 9236399038**


🟩 खुशखबरी किसानों के लिए – मक्का की सरकारी खरीद शुरू 15 जून 2025 से! उत्तर प्रदेश सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 15 जून 2025 से शुरू करने का ऐलान किया है। पहली बार किसानों से सीधे खरीफ फसल की खरीदी की जा रही है। 📅 खरीद अवधि: 15 जून से 31 जुलाई 2025 तक 🕘 समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक 💰 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): ₹2,225 प्रति क्विंटल 📲 पंजीकरण अनिवार्य मक्का विक्रय हेतु किसान को fcs.up.gov.in वेबसाइट या UP Kisan Mitra मोबाइल ऐप पर पंजीकरण कराना जरूरी है। ✅ OTP आधारित मोबाइल पंजीकरण ✅ सीधा भुगतान किसान के आधार लिंक बैंक खाते में PFMS के माध्यम से ✅ पंजीकरण हेतु भूमि अभिलेख व बैंक पासबुक आवश्यक 📍 मक्का खरीद हेतु चयनित जनपद: बुलंदशहर, बदायूं, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर नगर, कानपुर देहात, गोंडा, अमेठी, रायबरेली, संत रविदास नगर, मऊ, आज़मगढ़, मिर्जापुर आदि। 📞 सहायता हेतु टोल फ्री नंबर: 1800-1800-150 📌 ज़िला विपणन अधिकारी से संपर्क करें या मंडी समितियों में दी गई जानकारी देखें। 🟢 खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजना। *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh https://youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKyj4r26i65G चैनल को SUBSCRIBE करें। साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें आपकी सफलता ही हमारी प्रेरणा है। आइए, मिलकर एक नई शुरुआत करें और कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करें।* – टीम एनकोष

*क्या आप सोयाबीन की बुआई सही समय पर कर रहे हैं ताकि अधिक पैदावार हो?* *16 जून 2025, नई दिल्ली:-* क्या आप सोयाबीन की बुआई सही समय पर कर रहे हैं ताकि अधिक पैदावार हो? – सोयाबीन की फसल की सफलता और उत्पादन में सही समय पर बुआई करना बहुत जरूरी होता है। *आईसीएआर –* नेशनल सोयाबीन रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंदौर के अनुसार, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्षेत्र में मानसून की शुरुआत और कम से कम 100 मिमी वर्षा प्राप्त होने के बाद ही सोयाबीन की बुआई करें। इससे मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहती है, जो बीज अंकुरण और फसल की मजबूत शुरुआत के लिए आवश्यक है। *अनुशंसित बुआई अवधि* अधिकांश सोयाबीन उगाने वाले क्षेत्रों में बुआई का सबसे उपयुक्त समय जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक होता है, जो मानसून के आगमन के साथ मेल खाता है। मध्यप्रदेश और अन्य केंद्रीय भारतीय राज्यों में जैसे ही पहली भारी वर्षा होती है और मिट्टी में नमी होती है, किसानों को तुरंत बुआई शुरू कर देनी चाहिए। जुलाई के मध्य के बाद बुआई में देरी करने से फसल की वृद्धि अवधि कम हो जाती है और फलने-फूलने के समय सूखे का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पैदावार कम हो सकती है। *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh* https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G *चैनल को SUBSCRIBE करें। साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे 9236399038**


👉*ज्वार*👈 📌 *बुवाई का समय* जून से जुलाई 📌 *तापमान :-* 25°C – 30°C 📌 *मिट्टी का pH स्तर:-* 6.0–7.5 📌 *प्रोटीन मात्रा:-* 9–11ग्राम/100 ग्राम 📌 *कटाई:-* 100–110 दिन 📌 *बीज दर:-* 3–4 किलो/एकड़ 📌 *उपज:-* 10–14 क्विंटल/ एकड़ *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G चैनल को SUBSCRIBE करें।🫛 साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾🍃🌱 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे *9236399040*


👉 *नॉमिनी गोल्ड* 👈 👉 *ब्रांड नाम:-* PI 👉 *रासायनिक नाम:-* Bispyriback sodium 10% EC नॉमिनी गोल्ड एक प्रभावी पोस्ट-इमर्जेंट, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सिस्टेमिक हर्बिसाइड है, जिसे विशेष रूप से धान की फसल में प्रमुख घास, सेजेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए डिज़ाइन किया गया है। *उपयोग* 📌*प्रभाव:-* 14 दिन के भीतर खरपतवार पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं 📌*ऊपयोग का समय:-* खरपतवार के 2–4 पत्तियों की अवस्था पर 📌*खुराक:-* 200–250 मिली प्रति हेक्टेयर 📌*आवेदन विधि:-* फ्लैट फैन या फ्लड जेट नोजल का उपयोग करें 📌*पानी का स्तर:-* 48–72 घंटे के भीतर खेत को फिर से भरें और खरपतवारों के पुनः उभरने को रोकने के लिए 5–7 दिनों तक पानी का स्तर बनाए रखें 📌*सुरक्षा उपकरण :-* दस्ताने,मास्क, सुरक्षा चश्मा,लंबी आस्तीन की कमीज और पैंट,रबड़ के जूते,एप्रन *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G चैनल को SUBSCRIBE करें।🫛 साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾🍃🌱 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे *9236399040*


👉*एक्सेल मीरा 71*👈 ✅*ब्रांड:-* एक्सेल Excel Mera 71 एक प्रभावी और किफायती हर्बीसाइड है। यह अमोनियम ग्लाइफोसेट 71% एसजी (Ammonium Salt of Glyphosate 71% SG) का प्रणालीगत, व्यापक स्पेक्ट्रम, गैर-चयनात्मक, पोस्ट-इमर्जेंट हर्बीसाइड है। ✅*उपयोग:-* 📌*प्रभाव :-* इससे पूरा पौधा — पत्तियाँ, तना और जड़ें — नष्ट हो जाती हैं। 📌*उपयोग का समय :-* जब खरपतवार 6–8 इंच की ऊँचाई पर हों। 📌*खुराक:-* 1.0 किग्रा/एकड़ 📌*आवेदन विधि:-* छिड़काव 📌*पानी का स्तर:-* छिड़काव के बाद कम से कम 4–6 घंटे तक खेत में पानी नहीं भरें और बारिश न हो। 📌*सुरक्षा उपकरण :-* दस्ताने,मास्क, सुरक्षा चश्मा,लंबी आस्तीन की कमीज और पैंट,रबड़ के जूते,एप्रन *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G चैनल को SUBSCRIBE करें।🫛 साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾🍃🌱 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे *9236399040*


🪴*खेती के लिए जमीन नहीं है, तो अपनाएं वर्टिकल फार्मिंग का ये तरीका🪴* देशभर में कई ऐसे किसान हैं, जिनके पास खेती के लिए खुद की जमीन नहीं है. फिर भी खेती से वह बढ़िया मुनाफा कमा रही है। है ना हैरानी वाली बात. दरअसल वर्टिकल फार्मिंग नाम की खेती की एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से आप आसानी से बिना जमीन के खेती कर सकते हैं।आइए जानते हैं...... *कम लागत में बढ़िया मुनाफा*💰 आप वर्टिकल फार्मिंग के जरिए अपने घर की दीवारों पर खेती कर सकते हैं। उस पर फल और सब्जियां उगा सकते हैं। खेती की यह तकनीक पर्यावरण के लिए भी बेहतर साबित होगा, साथ ही कम लागत में आप बढ़िया मुनाफा भी कमा सकते हैं। इससे गर्मियों के मौसम में आपका घर भी ठंडा रहेगा. 👉*कैसे काम करता है वर्टिकल फार्मिंग का तकनीक*👉 इस तकनीक में छोटे-छोटे गमलों के माध्यम से घरों की दीवारों पर खेती की जाती है। इन गमलों को दीवारों पर इस तरह सेट किया गया है, जिससे इनके नीचे गिरने की की आशंकाएं कम हो। इन गमलों में कोई फसल उपजाने के लिए गमले को दीवारों से नीचे उतार दिया जाता है और इसमें फसल लगाकर इसको फिर से दीवारों पर सेट कर दिया जाता है। इन गमलों तक पानी पहुंचाने के लिए पीवीसी पाइप या फिर बांस की पतली पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh* https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G *चैनल को SUBSCRIBE करें। साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे 9236399040*


*🌾यूपीएल साफ🌾* *तकनीकी नाम -* कार्बेन्डाजिम 12%+मैंकोजेब 63% WP *ब्रांड:-* यूपीएल *उपयोग* * व्यापक स्पेक्ट्रम और फसलों और बीमारियों की एक विस्तृत श्रृंखला में प्रभावी * सफकवकनाशी फंगल संक्रमण के सभी चरणों के खिलाफ प्रभावी है * सुरक्षित और उपयोग में आसान और इसे निवारक या उपचारात्मक उपाय के रूप में लागू किया जा सकता है। फसलें धान(चावल) ,गेहूं,मक्का(कॉर्न), गन्ना,कपास, सोयाबीन, सब्जियाँ (जैसे टमाटर ,मिर्च,आलू),फल (जैसे अंगूर, केला, आम) *लक्ष्य रोग:-* फलों का सड़ना,पत्ती पर धब्बा और ख़स्ता फफूंदी,एन्थ्रेक्नोज,डाउनी फफूंदी,मृदु रोगन एवं झुलसा रोग *विधि:-* पर्ण स्प्रे और बीज उपचारकर्ता *खुराक:-* 400ग्राम प्रति 200 लीटर पानी *कृषि से सम्बंधित समस्त जानकारी के लिए हमारे Nkosh* https:// youtube.com/@nkoshindia?si=dcM2ZKYJ4r26i65G *चैनल को SUBSCRIBE करें। साथ ही बेल आइकन ऑन दबाये और अपडेट्स प्राप्त करें।🌾 अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पे संपर्क करे 9236399038**
