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*सुधी पाठक सादर नमस्कार 🙏* *_'द नैरेटिव' एक राष्ट्रीय मीडिया समूह है जिसमें हमारा प्रयास देश की आंतरिक एवं बाह्य चुनौतियों के विषय में आप तक सत्य एवं तर्कपूर्ण राष्ट्रीय विमर्श को पहुंचाना है।_* *प्राचीनकाल से भारत आध्यात्मिक एवं व्यवहारिक ज्ञान की समृद्ध भूमि रही है, जिसकी समृद्ध संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास लगभग 1000 वर्षों से अनवरत जारी है।* *_इस क्रम में स्वतंत्रता पूर्व से ही देश की सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने के दृष्टि से अनेकों भ्रामक अवधारणाएं गढ़ी गई,जिसे स्वतंत्रता के उपरांत कम्युनिस्ट झुकाव वाले मीडिया समुहों ने खूब जोर शोर से प्रचारित किया।_* *वर्तमान में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के इस नवीन युग में यह चुनौती बहुआयामी हो चली है, इस क्रम में _देश में आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बने माओवाद (नक्सलवाद) के पक्ष में वातावरण का निर्माण करने जनजातीय समूहों को पृथक करने,परोक्ष रूप से साम्राज्यवादी विचार रखने वाले चीन को समर्थन देने वाले नैरेटिव गढ़ने के लिए कई भ्रामक प्रचार तंत्र (मीडिया समूह) सक्रिय हैं।_* *_ऐसे परिवेश में वास्तविकता बाहर लाने का हमारा यह प्रयास देश हित में समर्पित है,जिसमें आपकी सहभागिता से हमारे संकल्प को अभिलषित शक्ति मिलेगी।_* *हमारे पोस्ट नियमित पाने के लिए अपना नाम और स्थान 7587396911 पर भेजें।* TheNarrative
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विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित आर्च पुल - चिनाब रेल पुल जम्मू कश्मीर में बक्कल एवं कौरी के बीच निर्मित चिनाब रेल पुल विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित आर्च पुल है, जो नदी से 1,178 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित है. 1,315 मीटर लंबे इस रेल पुल को अस्किनी (चिनाब) नदी पर बनाया गया है, जिसका उद्घाटन 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. कोंकण रेलवे, डीआरडीओ एवं मुम्बई स्थित एक कंपनी द्वारा इस पुल का डिजाइन तैयार किया गया, जिसके बाद 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग कर इसका निर्माण किया गया है. 17 स्तंभों पर खड़े इस पुल की क्षमता रिक्टर स्केल 8 की तीव्रता वाले भूकंप को झेलने की भी है. इसमें 100 किलोमीटर प्रतिघन्टा की गति से रेल चल सकती है. मेरी संस्कृति...मेरा देश…मेरा अभिमान 🇮🇳 The Narrative के अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें

*Video story by The Narrative* > *_उस नरसंहार की कहानी, जिसे कहने से चीन डरता है_* 📍क्या हुआ था तियानमेन चौक पर? 📍क्यों डरती है चीन की सरकार? 📍अब तक क्यों छुपाई जाती है ये सच्चाई? *यूट्यूब लिंक -* https://youtu.be/TM9FkP4yu90 *Like, Share & Subscribe*

*Online Podcast by The Narrative* > *_बस्तर में कैसे आया नक्सलवाद ?_* 📍पहली बार नक्सली कब आए ? 📍अबूझमाड़ कैसे बना केंद्र 📍आमचो बस्तर के लेखक राजीव रंजन प्रसाद के साथ चर्चा *यूट्यूब लिंक -* https://youtu.be/BqjfBbOoZ5M *Like, Share & Subscribe*

*The Narrative* China in Focus - CCP *From Censorship at Home to Propaganda Abroad! How the Chinese Communist Party is Hijacking Journalism.* https://shorturl.at/i2o8H *The Narrative* के नियमित अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें!

*The Narrative* भारत - राजनीति *क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी सबके लिए बराबर है या हिंदू आवाजें दबाने का ही बना है नया चलन?* https://shorturl.at/NPKcG *The Narrative* के नियमित अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें!

*The Narrative* Exclusive - Connecting Dots *Who’s behind India’s internal unrest? This shocking expose uncovers how Islamists, Communists, and Missionaries are secretly working together to divide the nation.* https://shorturl.at/fJs7u *The Narrative* के नियमित अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें!

*The Narrative* कम्युनिज्म - माओवाद *क्या देश के जंगलों की रक्षा केवल माओवादियों की देन है या यह भ्रम वामपंथी नैरेटिव का हिस्सा भर है? पढ़िए नक्सलियों के नैरेटिव पर हमारी खास लेख शृंखला का पहला भाग.* https://shorturl.at/eSgla *The Narrative* के नियमित अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें!

*The Narrative* कम्युनिज्म - माओवाद *नक्सली सुधाकर का एंकाउंटर! माओवादी आंदोलन का अंत या नई साजिश? उसकी पत्नी उमा और वैश्विक नेटवर्क का राज़ क्या है? पूरी सच्चाई जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट!* https://bit.ly/4jIuKl5 *The Narrative* के नियमित अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें!

*हमारी साहित्य परम्परा का अग्रदूत - कालिदासकृत मेघदूत* मेघदूत जगप्रसिद्ध महाकवि कालिदास द्वारा रचित एक कालजयी दूतकाव्य है। दूतकाव्य साहित्य की वह विधा है, जिसमें किसी संदेशवहन की पृष्ठभूमि में कथा बुनी जाती है। अलकापुरी से निष्कासित यक्ष द्वारा मेघ के माध्यम से अपनी प्रेयसी को संदेश भेजने की पृष्ठभूमि पर लिखे जाने से ही इसे यह नाम 'मेघदूत' मिला। प्राचीनकाल से लेकर आज तक भाव और शिल्प के सौन्दर्य से परिपूर्ण इस काव्य की लोकप्रियता बनी हुई है। इसके प्रथम खण्ड 'पूर्वमेघ' से यह भी पता चलता है कि आज से लगभग 2 हजार वर्ष पहले भी मानसून के सटीक पथ की जानकारी भारतीयों को थी। *मेरी संस्कृति…मेरा देश…मेरा अभिमान 🚩* *The Narrative के अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 7587396911 पर व्हाट्सएप करें