
Mallikarjun Kharge
January 27, 2025 at 01:18 PM
अरे भाई गंगा में डुबकी लगाने से ग़रीबी दूर होती है क्या, क्या आपको पेट में खाना मिलता है?
मैं किसी की आस्था को कोई ठेस नहीं पहुँचाना चाहता। अगर किसी को दुःख हुआ तो मैं माफ़ी चाहता हूँ।
लेकिन आप बताइए कि जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल में नहीं जा रहा है, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है… जब ये सब है, तो ये लोग Competition में डुबकियाँ मार रहें हैं। Competition में पहले एक डुबकी मारता है, फिर दूसरा… और जब तक TV पर अच्छा नहीं आता, तब तक डुबकी मारते रहते हैं।
ऐसे लोगों से देश की भलाई होने वाली नहीं है। हमारी आस्था भगवान में है। कर सकते हैं। हर एक को आज़ादी है। आप रोज़ पूजा करिए। घर में हर आदमी और हर महिला पूजा कर के बाहर निकलती है। हमें कोई एतराज़ नहीं है।
हमको एतराज़ है — ग़रीबों का जो शोषण हो रहा है, धर्म के नाम पर, उसके ख़िलाफ़ हमको लड़ना है।
📍महू, मध्य प्रदेश
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