Karmyogi
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January 19, 2025 at 10:03 AM
इस चित्र को गौर से देखिए। यह बहुत कुछ कहता है। डेढ हजार साल से वैश्विक बर्बर इतिहास का कारण हैं ऐसी मानसिकता वाले लोग! इन तीनों व्यक्तियों के भारतीय नाम हैं। नीली बुशर्ट वाले ने तो स्वयं को कैमरे पर कट्टर हनुमान भक्त घोषित किया था यह चित्र उस समय का है जिस समय दिल्ली विधानसभा में कश्मीरी पंडतों के बर्बर नरसंहार, महिलाओ के बर्बर यौन उत्पीड़न की बात रखी गई तो इनका हंसी का फव्वारा फूट पड़ा था। वैसे 'कश्मीर पंडितों का नरसंहार' कहने वाले भी तथ्यात्मक रुप से गलत हैं। *सिर्फ पंडतों का नरसंहार थोड़ी हुआ था। गैर-मुस्लिम जो भी था, चाहे वह नाई, धोबी, बनिया, अहिर, दलित, राजपूत, किसान, पिछड़े, अगडे, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, यहूदी सबका ही तो नरसंहार हुआ है वहां।* *इस्लामिक आतंकवाद के राजनैतिक विंग का नाम सैकूलर-लिबरल है। गैर-मुस्लिमों के नरसंहार पर ये इसी तरह खिलखिलाकर हंसते हैं*। खाडी और मध्य एशियाई क्षेत्र से असिरियनों, यजीदियों, पारसियों, यहूदियों, ईसाईयों की भी वही सच्चाई है जो पाकिस्तान, बंग्लादेश, कश्मीर के गैर-मुस्लिमों की है!
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