Sanatan Kahaniya (Daily Story, कहानी, Kahani )
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January 28, 2025 at 10:00 AM
. हनुमान जी जब जगन्नाथ मंदिर के रक्षक बने एक बार समुद्र देव भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए धीरे धीरे मंदिर परिसर की और बढ़ने लगे जिससे जगन्नाथ पुरी क्षेत्र में भयंकर तूफान आने लगा और मंदिर के शीर्ष पर लगा नील चक्र गिरने की स्थिति में आ गया। https://whatsapp.com/channel/0029VaiuKol0lwgtdCVs4I3Z तभी हनुमान जी जी अष्टभुज स्वरूप में प्रकट होकर उस नील चक्र को गिरने से तो रोकते ही है अपितु उसे वापस यथास्थान स्थापित भी करते है। जिस वजह से भगवान जगन्नाथ प्रकट होकर हनुमान जी जी को आशीर्वाद देते है कि आज से मंदिर के उत्तरी क्षेत्र में तुम अष्टभुज हनुमान जी नाम से पूजे जाओगे। जिस पर हनुमान जी जी मंदिर परिसर की सुरक्षा का जिम्मा लेते हुए वहां के रक्षा कवच बन जाते है और उसके बाद समुद्र के पास जाकर उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर देते है। इसके बाद जब हनुमान जी जी मंदिर परिसर में दर्शन के लिए जाते तो देखते की कोई भगवान से धन दौलत तो कोई संतान पाने की कामना रखता था पर भक्ति पर किसी का ध्यान न था। जिस पर हनुमान जी जी सभी कामनाओं के स्त्रोत कामदेव को मंदिर परिसर से जाने के लिए कहते ताकि सभी का ध्यान सिर्फ भक्ति पर ही केंद्रित रहे इसके बाद हनुमान जी जी कामदेव को युद्ध में हराकर पुरी क्षेत्र से निष्कासित कर देते है। तभी रात्रि में जब नारद जी प्रभु दर्शन को आए तो देखा कि समुद्र की लहरों की आवाज की वजह से प्रभु विश्राम नहीं कर पा रहे थे ये बात जब उन्होंने हनुमान जी जी को बताई तो हनुमान जी जी ने लहरों की आवाज के विरुद्ध कण कण से राम नाम का जाप शुरू कर दिया। जिससे मंदिर परिसर में एक निर्वात क्षेत्र का निर्माण हो गया जिससे बाहर की आवाज अंदर आना बंद हो गई तब जाकर प्रभु जगन्नाथ विश्राम कर पाए..!! 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ऐसी ही और पोस्ट के लिए Kutumb ऐप और वॉट्सएप चैनल पर God's Love (प्रभु प्रेम) सनातन ग्रुप से जुड़ने के लिए लिंक को टच करें और ग्रुप ज्वाइन करें "GOD's LOVE" Kutumb Link👇🏻 https://rb.gy/m8ys0u WhatsApp Channel Link👇🏻 https://whatsapp.com/channel/0029VaiuKol0lwgtdCVs4I3Z Telegram Join Link👇🏻 https://t.me/Sanatan100 ० GOD is LOVE ग्रुप धार्मिक, भावनात्मक व प्रेरणादायक पोस्टों से संबंधित है। आप सभी का दिन शुभ हो 🙏🏻😊
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