Mufti Wasim Akram Razavi
February 15, 2025 at 07:09 AM
*हलाकत से बचने का हदीसे पाक से बेहतरीन नुस्खा़*
जैसे-जैसे ज़माना अल्लाह के रसूल ﷺ के दौर से दूर होता जाएगा, फितना बढ़ता जाएगा। जो गुमराही दस साल पहले नहीं थी, वह आज आम हो चुकी है, और आने वाला कल इससे भी ज़्यादा पुरफितन होगा। इन फितनों से बचने का आसान तरीक़ा वही है जो हदीसे पाक में बयान किया गया है।
हज़रत अब्दुर रहमान बिन अबी बुक्रा अपने वालिद से रिवायत करते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल ﷺ को फ़रमाते हुए सुना:
*"या तो आलिम बनो, या तालिबे इल्म, या इल्म सुनने वाले, या इल्म से मुहब्बत करने वाले, और पाँचवाँ (इल्म व अहले इल्म से नफरत करने वाला) मत बनो, वरना हलाक हो जाओगे।"*
(अल-मु’जम अल-औसत, जि: 5, स: 231, हदीस: 5171, दार अल-हरमैन)
आज लोगों के गुमराह होने की बड़ी वजह इल्मे दीन और उलेमा से बेरुख़ी है, बल्कि दुनिया भर में ऐसे लोग खड़े किए गए हैं जिनका मक़सद ही लोगों को इल्म व उलेमा से नफरत दिलाना है।
*✍️: मुहम्मद वसीम अकरम रज़वी*
टिटलागढ़, बलांगीर, ओडिशा, हिंद
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