
Om Birla
February 15, 2025 at 02:51 PM
संगमु सिंहासनु सुठि सोहा।
छत्रु अखयबटु मुनि मनु मोहा॥
चवँर जमुन अरु गंग तरंगा।
देखि होहिं दुख दारिद भंगा॥
प्रयाग के पुण्यक्षेत्र में संगम तट पर स्थित दिव्य अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ !
यह वटवृक्ष अनंत काल से सनातन चेतना,भक्ति, ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा का अक्षय स्रोत है। युगों-युगों से ऋषि-मुनियों, संतों और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा यह पावन वटवृक्ष उस अमर चेतना का प्रतीक है, जो ज्ञान, साधना और मोक्ष की अनवरत धारा प्रवाहित कर रहा है।
इस दिव्य स्थल पर आकर हृदय श्रद्धा से भर उठा, मन भक्ति में रम गया। भगवान वेणी माधव से प्रार्थना है, अक्षयवट की यह सनातन ऊर्जा ‘अमृत भारत’ के निर्माण की अक्षय प्रेरणा बने !
❤️
📱
🙏
5