
Aditya Vahini - Anand Vahini
February 8, 2025 at 01:43 PM
*अच्छे प्रारब्ध भी प्रयत्न करने पर प्रकट हो जाते हैं, नहिं तो दबे रह जाते हैं।*
*बूरे प्रारब्ध देवी देवता की आराधना से उचित उपाय से क्षीण हो जाते हैं।*
*मध्यम कोटी के प्रारब्ध प्रबल पुरूषार्थ से दब जाते हैं या उनकी दिशा बदल जाती है।*
- *पुरी शङ्कराचार्य जी*
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